मंगलवार, 16 जुलाई 2013

बेटियाँ

10 टिप्‍पणियां:

महेन्द्र श्रीवास्तव ने कहा…

अच्छा है
बहुत सुंदर

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

बहुत ही सुंदर संदेश देती रचना, शुभकामनाएं.

रामराम.

कालीपद "प्रसाद" ने कहा…

बढ़िया प्रस्तुति !
latest post सुख -दुःख

Shikha Kaushik ने कहा…

daughters are always sweet .very nice .

वसुन्धरा पाण्डेय ने कहा…

बेटिया जीवन संस्कृति

डा श्याम गुप्त ने कहा…

सही व उत्तम बात है ..
----परन्तु प्रश्न है कि क्या बेटों से मन हर्षित नहीं होता... सिर्फ बेटियों के गुणगान से हम नारी-पुरुष में, लडके-लड़कियों में असमंजसता, असमानता व वैमनस्यता के नवीन बीज नहीं बो रहे..समाज के लिए आगे एक अंध-कूप नहीं तैयार कर रहे .....यह सब अब बंद होना चाहिए ... मानवता व सदाचरण के गुणगान की आवश्यकता है...

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

बेहद सुन्दर प्रस्तुतीकरण ....!!
आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा आज बुधवार (17-07-2013) को में” उफ़ ये बारिश और पुरसूकून जिंदगी ..........बुधवारीय चर्चा १३७५ !! चर्चा मंच पर भी होगी!
सादर...!

Asha Joglekar ने कहा…

बेटियां ना हो तो संसार से सुख, सोंदर्य ,ममता, कोमलता, कविता सब समाप्त समझो और ये सब ना हो तो संसार कहां बचेगा .

रश्मि शर्मा ने कहा…

बहुत प्‍यारी होती हैं बेटि‍यां...

Guzarish ने कहा…

shukriya dosto