बुधवार, 27 फ़रवरी 2013

PARDA -PRATHA CAN NOT BE JUSTIFIED IN ANY MANNER !

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पर्दा -घूंघट -बुरका ...कुछ भी नाम दें -इसे ....नारी के मुख के साथ -साथ नारी के वजूद को ही छिपा डालने का एक उपाय पुरुष -प्रधान समाज ने ढूंढ निकाला था .....क्या विचार हैं आपके ?
  PARDA -PRATHA CAN NOT BE JUSTIFIED IN ANY MANNER !
WHAT 'S YOUR VIEW ?

               शिखा कौशिक 'नूतन '

13 टिप्‍पणियां:

Shalini kaushik ने कहा…

पर्दा प्रथा को लेकर आपके विचार पूर्ण रूप से सही हैं क्योंकि नारी का अस्तित्व सदैव से पुरुष के लिए अपनी संपत्ति के रूप में ही रहा है और इसी को लेकर नारी को इस बंधन में बांधा गया है ताकि पुरुष की इस कथित संपत्ति पर किसी और की नज़र न पड़े .क्या हैदराबाद आतंकी हमला भारत की पक्षपात भरी नीति का परिणाम है ?नहीं ये ईर्ष्या की कार्यवाही . आप भी जानें हमारे संविधान के अनुसार कैग [विनोद राय] मुख्य निर्वाचन आयुक्त [टी.एन.शेषन] नहीं हो सकते

रविकर ने कहा…

सटीक-

Pratibha Verma ने कहा…


हमेंशा से नारी को दबा कर रखा गया है ...और ये उसका जीता - जागता सबूत है।।

DR. ANWER JAMAL ने कहा…

परंपराओं पर पुनर्विचार सराहनीय है.

पर्दा करने वाली औरतें भी है और बिलकुल बेपर्दा रहने वाली महिलायें भी हैं . दोनों कम हैं . अधकचरा स्टाइल का चलन ज़्यादा है. तीनों तरह की औरतों को सराहने वाले भी हैं.

औरत पर किसी मर्द को अपनी बात थोपनी नहीं चाहिए.
औरत जिस बात में अपनी सुरक्षा और अपनी सुन्दरता की रक्षा समझे, करे. मर्द उसका साथ दे सके तो ठीक है वरना अगर वह अपनी सुरक्षा ख़तरे में देखे तो उस से किनारा कर ले. किसी की आज़ादी छीनना ठीक नहीं है.

औरत मर्द की संपत्ति नहीं और मर्द का माल औरत की जागीर नहीं. अपना कमाओ और अपना खाओ.

Sanju ने कहा…

Nice post.....
Mere blog pr aapka swagat hai

Ayaz ahmad ने कहा…

बढ़िया !!!

देवदत्त प्रसून ने कहा…

इस युग में भी नारी पर्दा अगर कहीं पर करती है |
कारा में रह कर आज़ादी का फिर दम क्यों भर्ती है ||

बेनामी ने कहा…

nari ke chehre ya badan chupane se vo apang nahi ho jaati...vo jo chahe kar sakti hai....she is having full freedom....
parda to isliye karate hai k kisi shaitan mein mard ya kisi mard ka shaitan na jaag jaye aur kuch uch nich na ho jaye

Unknown ने कहा…

Kya koi bata sakta h k ye mard... apni hi ma aur behen k samne kyo nahi jagta???

Bhartiya nari ने कहा…

Mere pyare dosto parda pratha nahi kupratha hai isliye sabse pehle use pratha khana band kar de..

Bhartiya nari ने कहा…

Mere pyare dosto parda pratha nahi kupratha hai isliye sabse pehle use pratha khana band kar de..

Unknown ने कहा…

*Gugat prtha honi chaiye ya nhi honi chaise?*
Gugat prtha nhi honi chaiye kiuki ye ak prtha hai or agr kisi aadmi ko bnd darvaje m rka jaye or kisi se bhi Baat krne k liye mna kiya jate kitne din vo re skta h? M ye nhi chati ki sasural ja kr ye prtha ho agr sasural wale bahu ko beti maan kr gr late h to beti ko gugat m rkte h ya fir usko srm krne or kisi ko Baat krne se mna krte h nhi na to is liye hi mera manna h bahu ko phle beti bnao tb hi bahu sash sasur ko maa baap ki trh rkegi usko har Baat bolne ki ijaajt honi chaiye esa lgna chaiye ki ye sasural nhi maa baap ka gr hai main sirf gugat prtha k liye rokna chati hu pr ye nhi ki sbhi k liye saman or ijaat hmesa rehni chaiye agr ye baat meri glt ho to muje maaf krna pr ye jrur souch na ki gugat main jo ldkiya h unko jrur ye phuchna kiya unko ye shi lgta h maan lo vo ha bhi khti h to unke sasural walo ko ye jrur phuchna ap khus h apki bahu se jo gugat m to h pr sas sasur ki ijaat na krti ho glti ho to muje maaf krna pr ye Baat pr jor hona chaiye kiuki sb ko apne hak se jeene ka adikar h

Unknown ने कहा…

आप के विचारों के अनुसार तो हर वह व्यक्ति जो मर्द है, उन सभी से पर्दा करना उचित रहेगा। चाहे वह ससुराल पक्ष का हो या फिर पीहर पक्ष का।
अगर पर्दे से हैवानों कि हैवानियत ख़तम हो जाए तो बेशक छोटी बच्चियों को भी पर्दा करवा दीजिए।🙏