शुक्रवार, 2 मई 2025

ल़डकियों में बढ़ती मर्दानगी

  


     नारी सशक्तिकरण के लिए प्राचीन भारत से ही एड़ी से लेकर चोटी तक का जोर लगाया गया. नारी शक्ति के अधिकारों को लेकर बहुत लड़ाइयाँ लड़ी गई, कितनी ही महिलाओं ने सशक्तिकरण के क्षेत्र में मिसालें भी गढ़ी, दुश्मनों के दांत युद्धों तक में खट्टे कर दिए, देश के विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री पद से लेकर देश में प्रधान मंत्री पद तक नारी शक्ति ने अपना लोहा मनवाया किन्तु जो हाल आज की महिला शक्ति ने कर दिखाया है वह वास्तव में हैरत अंगेज है. आज की महिला शक्ति ने विशेषकर पत्नी स्वरुप ने अपने पतियों का खासकर विवाहित धर्म में प्रवेश करने जा रहे लड़कों की दिमागी स्थिति का संतुलन गड़बड़ा दिया है. लड़के शादी करने से डर रहे हैं, कितने ही लड़की के नाम से दूर भाग रहे हैं. क्या क्या खतरनाक चल रहा है आजकल, इस की एक झलक 

➡️ पहले देखिए कुछ आजकल के समाचार - 

1-आज तक - 20 मार्च 2025 - मुस्कान और साहिल ने चाकू से किया हमला, उस दिन रात को जैसे ही सौरभ अपने कमरे में सोने गया, मुस्कान ने साहिल को बुला लिया. इसके बाद पहले मुस्कान ने सौरभ के सीने पर तेजधार खंजर से वार किया और फिर साहिल चाकू लेकर सौरभ पर टूट पड़ा. सौरभ पूरी ताकत से लड़ने की कोशिश कर रहा था, लेकिन वो हार गया. मुस्कान उसकी मौत का तमाशा देखती रही. कुछ ही मिनटों में सौरभ की सांसें थम चुकी थी.कत्ल के बाद अब लाश ठिकाने लगाने की बारी थी. तो उसकी प्लानिंग भी पहले से हो चुकी थी. इसके बाद साहिल और मुस्कान ने मिलकर एक प्लास्टिक का बड़ा ड्रम खरीदा. फिर उन दोनों ने बाथरूम में सौरभ की लाश के टुकड़े किए और उस बड़े ड्रम में भर दिए. फिर उस ड्रम को सीमेंट का घोल डालकर भर दिया. यानी वो ड्रम सौरभ की ठोस कब्र बन चुका था.

2-दैनिक भास्कर - 19 फरवरी 2025 - मुजफ्फरनगर में शादी के दिन ब्यूटी पार्लर में सजने गई डॉक्टर दुल्हन अपनी महिला मित्र के साथ फरार हो गई। जब रात 9 बजे तक नहीं लौटी तो परिजनों ने कहा- कि ब्यूटी पार्लर में हार्टअटैक आने से दुल्हन की मौत हो गई।किसी ने दुल्हन की मौत की सूचना पुलिस को दे दी। पुलिस ने परिजनों से पूछताछ की तो घर वाले बार-बार बयान बदल रहे थे। पुलिस ने शव का पोस्टमॉर्टम करवाने के लिए कहा तो परिवार मना करने लगा। शव दिखाने के लिए तैयार नहीं था। तब पुलिस ने ब्यूटी पार्लर का CCTV चेक किया।CCTV में डॉक्टर दुल्हन अपनी महिला मित्र के साथ जाती नजर आई। पुलिस दोनों को मध्यप्रदेश से पकड़कर ले आई है। नई मंडी कोतवाली में दुल्हन और उसकी महिला मित्र से पूछताछ की जा रही है।

3-हिन्दुस्तान - 2 अप्रैल 2025 - 30 साल के लोकेश मांझी रेलवे विभाग में लोको पायलट के पद पर तैनात हैं। उनकी शादी हर्षिता रैकवार नामक लड़की से साल 2023 में हुई थी। उन्होंने एसपी ऑफिस पहुंचकर गुहार लगाई है कि मेरी पत्नी मुझे मारती है। मुझे बचाओ साहब। पीड़ित ने इस पूरी घटना का एक वीडियो भी बनाया है, जिसे पुलिस को सौंपा है। यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

4-आज तक - 16 अप्रैल 2025 - यह कोई बॉलीवुड की रोमांटिक-कॉमेडी फिल्म नहीं, बल्कि हकीकत है. मेरठ जिले के दौराला थाना क्षेत्र में ऐसा हुआ है. सोमवार की शाम बारात आने वाली थी. युवती की शादी रोहटा क्षेत्र के एक युवक से तय हुई थी. दुल्हन शादी से कुछ घंटे पहले मेकअप कराने के लिए दौराला के एक ब्यूटी पार्लर गई थी. जैसे ही मेकअप पूरा हुआ, दुल्हन वहीं बाहर खड़ी बाइक पर बैठे अपने प्रेमी के साथ भाग निकली.

5-दैनिक भास्कर - 16 अप्रैल 2025 - संगीता ने अपने पति को कैसे मारा, ये जानिए…बॉयफ्रेंड पति को बाइक पर लेकर गया, मार डाला संगीता के अपराध की कहानी 25 फरवरी, 2025 को शुरू होती है। जानी इलाके के गांव कुसेड़ी के जंगल में एक युवक की लाश मिली। उसके पास से जो पेपर मिले, उससे सामने आया कि वह अजय उर्फ बिट्‌टू (28) है। वह देहरादून में जॉब करता था। मेरठ में अपने ताऊ के पोते की शादी में शामिल होने आया था।पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सिर और चेहरे को भारी चीज से कुचलने की बात सामने आई। सिर की हड्‌डी टूट गई थी। जांच शुरू हुई। परिवार के सदस्यों की मोबाइल कॉल डिटेल में पत्नी संगीता पर शक गहराया। उसने एक खास नंबर पर लगातार और लंबी बातचीत की थी। इस नंबर की लोकेशन गाजियाबाद में मिली। यह नंबर अवनीश था, जो उसका रिश्तेदार था। अवनीश को पकड़े जाने के बाद संगीता के साथ उसका अफेयर भी सामने आया।

7-दैनिक जागरण - 17 अप्रैल 2025 - मेरठ के बहसूमा में अमित की हत्या उसकी पत्नी रविता और उसके प्रेमी ने मिलकर की थी। रविता का गांव के ही युवक से प्रेम प्रसंग चल रहा था जिस कारण अमित से उसका विवाद होता था। हत्या के बाद उन्होंने एक हजार रुपये में सांप खरीदकर अमित की कमर के नीचे रख दिया ताकि सर्पदंश से मौत लगे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गला दबाने से मौत की पुष्टि हुई।

8-अमर उजाला -(अलीगढ़) - 18 अप्रैल 2025 - यूपी में सास और होने वाले दामाद की लव स्टोरी अलीगढ़ और आस-पास के इलाकों में सुर्खियां बनी है। गुरुवार को थाने में रोते हुए मासूम बेटा बोला कि मां घर चल... इस पर होने वाले दामाद संग गई सपना ने मुंह फेर लिया। सात साल के बेटे के आंसू भी सपना के दिल को नहीं पिघला सके।

         महर्षि तुलसीदास जी ने कहा है -

महावृष्टि चलि फूट कियारी। जिमि स्वतंत्र होई विगरहि नारी।"

अर्थात जैसे भारी बारिश से खेतों की क्यारियाँ फूट जाती हैं, उसी तरह से स्वतंत्र होने पर स्त्रियाँ बिगड़ जाती हैं. सही साबित कर रही है आज की नारी महर्षि तुलसीदास जी की उक्त पँक्तियाँ, नहीं सम्भाल पा रही है आज की नारी स्वयं को मिली हुई यह स्वतंत्रता. आधुनिकता का ज्वर इस कदर हावी है कि आज फ़िल्मों और मॉडलिंग में लगी हुई महिलाओं को तो छोड़ दीजिए, गृहणी कही जाने वाली नारी के शरीर से भी वस्त्र धीरे धीरे कम होते जा रहे हैं, कहाँ महिलाओं के शरीर पर पहने वस्त्रों के ऊपर दुपट्टा, दुशाला एक शान हुआ करता था, एक पहचान हुआ करता था उसके सभ्य, सुसंस्कृत परिवार की बेटी या बहू होने की, किन्तु आज केवल उसके पुरातन होने की, बहनजी होने की उपाधि मात्र रह गए हैं जिसे कोई भी आधुनिक महिला सुनना नहीं चाहती. 

➡️ प्राचीन धार्मिक संस्कार को छोड रही आज की नारी - 

   आज देश में सत्तारूढ़ सरकार, जहां देश में सनातन धर्म, संस्कृति के उत्थान के लिए प्रयासरत है वहीं आज की नारी एक अलग ही लीक पर जा रही है. प्रेम विवाह या लिव इन रिलेशनशिप तो बिल्कुल ही अलग राह हो गई हैं जीने की पर इससे भी ज्यादा बढ़ गया है आज ब्यूटी पार्लर में जाकर दुल्हन के मेकअप का प्रचलन, धार्मिक संस्कार और नारी का गहना शर्म दोनों ताक पर रख दिए गए हैं. हमारे प्राचीन संस्कारों में ये शामिल था कि कँगना बंधने के बाद दूल्हा या दुल्हन वैवाहिक गतिविधि के लिए ही घर से बाहर निकलते थे जिनमे दूल्हे का तो फिर भी ये था कि वह घुड़चढी के लिए घर से निकलता था किंतु दुल्हन कँगना बंधने के बाद केवल शादी के धार्मिक संस्कार पूरे होने पर घर से विदा होने के लिए ही घर से निकलती थी अन्यथा नहीं, किन्तु आज कल एक नया प्रचलन शुरू हो गया है दुल्हन के ब्यूटी पार्लर में तैयार होने का और इसके लिए दुल्हन अपनी एक सहेली या बहन भाई के साथ ब्यूटी पार्लर पर आती है और दुल्हन के रूप में तैयार होकर कार या ई रिक्शा से वापस लौटती है, कई बार तभी ब्यूटी पार्लर के बराबर की दुकान से दुल्हन के रूप में तैयार होकर सामान खरीदने लगती है और कभी कभी दुल्हन के रूप में ही ब्यूटी पार्लर से फुर्र हो जाती है. दुल्हन के रूप में तैयार होने की शर्म का तो अब कहीं नामों निशान ही नहीं रह गया है. इस सब का असर विवाहों के टूटने से लेकर उसके आपराधिक अंत के रूप में नजर आ रहा है किन्तु आधुनिकता में डूब रहा समाज या फिर आज की आधुनिक नारी की कोई सोच इस ओर ध्यान देती नहीं दिखाई देती है. 

➡️ सह शिक्षा डाल रही है गलत असर - 

       आज स्कूल - कॉलिजों में सह शिक्षा का प्रचलन बढ़ गया है और इसका एक सीधा सीधा असर यह दिखाई दे रहा है कि लड़कियों में लड़का बनने की होड़ सी चल पड़ी है. पहले के समय में एक नियम कायदा था कि सडकों पर ज्यादा चुहलबाज़ी नहीं करनी है, कुछ खाना पीना नहीं है. लड़कियां पहले घर से स्कूल जाती थी और स्कूल से सीधे घर आती थी. घर आकर यदि कोई काम होता था तो घर के ही किसी सदस्य के साथ जाकर ले आती थी, किन्तु समय बदला, ये सब पुरातन बातों में शामिल हो गए, इन्हें मानने वाले बैकवर्ड हो गए. अब स्थिति यह हो चुकी है कि लड़कियां पूरी तरह से आजाद हो चुकी हैं. कोई लड़का अगर लड़की के हाथ मार देता है तो उसे पहले बहुत गलत कहा जाता था और अब तो कानून के घेरे में ही ले लिया जाता है किन्तु लड़कियां आते जाते अपने स्कूल के संगी साथियों को पीछे से हाथ मार रही हैं उनका रास्ता रोककर अनाप शनाप बाते सडकों पर कर रही है और हद यह हो गई है कि अब सभ्य समाज के लड़कों को ही लड़की का यह व्यवहारः बर्दाश्त से बाहर हो रहा है. स्कूल की बस से उतरते ही आइसक्रीम खरीदना, उसे सरेराह खाते जाना, शोर मचाते, हुड़दंग करते, खिल्ली उड़ाते जाना आज की लड़कियों का फैशन बन गया है. आज की लड़कियां स्कूटी चला रही हैं, कार चला रही हैं पूरी तरह से लड़कों को कॉपी कर रही हैं. लड़के जिस तरह से स्कूटी चलाते हैं लड़कियां वही स्टाइल कॉपी कर रही है. लड़कियां नौकरी कर रही हैं और सिगरेट, शराब पी रही हैं, रातों में लड़कों के साथ अर्धनग्न अवस्था में घूम रही हैं. लड़कियां रह कहां गई हैं अब तो चारो ओर मर्द ही मर्द, लड़के ही लड़के नजर आते हैं. 

    आधुनिकता का जो रूप आज की लड़कियों ने धारण किया है, उसी का परिणाम चारो ओर लड़कों पर कहर बनकर बरस रहा है. अब लगभग हर दस - पंद्रह लड़कियों में से जिसकी भी शादी तय हो रही है उसका कोई न कोई बॉय फ्रेंड जरूर है क्योंकि कॉलिज लाइफ में अगर लड़कों के लिए गर्ल फ्रेंड का होना शान की बात है तो लड़की का बॉय फ्रेंड होना उसकी पर्सनैलिटी में चार चांद लगाने के लिए जरूरी है. स्थितियां इस कदर बिगड़ती जा रही हैं कि माँ ही बेटी के होने वाले पति को लेकर भाग रही है. लव मैरिज करने वाली अपने प्रेमी पति से ही अलग नया प्रेमी ढूंढ रही हैं और प्रेमी पति के टुकड़े काटकर ड्रम मे भर रही हैं. 4-4  बच्चे वाली अपने बच्चों के साथ या बच्चों को छोड़कर घर से भाग रही हैं, लड़कियां लड़कों से भी छोटे शॉर्ट्स पहनकर सडकों पर हुड़दंग मचा रही हैं और कुंवारी लड़कियाँ ही नहीं शादीशुदा लडक़ियां, दो दो बच्चों की माँ भी शॉर्ट्स टी शर्ट पहने खुलेआम सडकों पर घूम रही हैं और ऐसा नहीं है कि ये अनपढ़, गँवार लड़कियां कर रही है बल्कि ऐसी शर्मनाक घटनाओं को अंजाम वे लड़कियां दे रही हैं जो कहने के लिए वेल क्वालिफाइड हैं, कहने के लिए अच्छे संस्कारी घरों की सन्तान हैं, कहने के लिए बड़ी बड़ी सभाओं में मंच से बढ़ चढ़कर संस्कारों की बातें करती हैं किन्तु व्यक्तिगत जीवन में इनके बिल्कुल विपरीत आचरण दिखाई दे रहे हैं. समाज और वह भी भारतीय हिन्दू समाज आज रोजाना घटित इन नृशंस घटनाओं को देखते हुए यही कहा जा सकता है कि पतन की ओर ही जा रहा है. आज की लड़कियां सशक्तिकरण की जो मिसाल कायम कर रही हैं वह उनका यही एटीट्यूड दिखाती है - 

" वहम निकाल देना ये अपने दिमाग से, 

हम डरने वाले नहीं हैं किसी के बाप से...!!" 


द्वारा 

शालिनी कौशिक 

एडवोकेट 

कैराना (शामली)