विद्यालय प्रांगण दिन प्रति दिन छात्र/छात्राओं के शोषण का स्थल बनते जा रहे हैं. आज़मगढ़ की गर्ल्स कॉलेज की ग्यारहवीं की छात्रा श्रेया तिवारी की संदिग्ध आत्महत्या /हत्या इसका ताजा उदाहरण है। अब तो RIP लिखते हुए भी दिल नहीं मानता. RIP तभी लिखें जब श्रेया को इन्साफ मिले।
-डॉ शिखा कौशिक नूतन
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