कितना अस्थाई ,कम टिकाऊ व अवैज्ञानिक है आज का आधुनिक विज्ञान , वैज्ञानिक खोज व अनुसंधानिक सत्य ....
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----देखिये संलग्न चित्र में ---
-----वही विज्ञान (चिकित्सा विज्ञान व एलोपैथिक चिकित्सक ) जो आज से लगभग ३०-४० वर्ष पहले बच्चे को तुरंत माँ के स्तन का दूध पिलाने को मना करता था एवं माँ के स्तन की प्रथम दुग्ध-धार ( कोलोस्ट्रम ) को पिलाने से मना करता था कि वह हानिकारक है ....और डब्बा बंद पाउडर दुग्ध पिलाना प्रारम्भ कर दिया जिससे ....
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----देखिये संलग्न चित्र में ---
-----वही विज्ञान (चिकित्सा विज्ञान व एलोपैथिक चिकित्सक ) जो आज से लगभग ३०-४० वर्ष पहले बच्चे को तुरंत माँ के स्तन का दूध पिलाने को मना करता था एवं माँ के स्तन की प्रथम दुग्ध-धार ( कोलोस्ट्रम ) को पिलाने से मना करता था कि वह हानिकारक है ....और डब्बा बंद पाउडर दुग्ध पिलाना प्रारम्भ कर दिया जिससे ....
-----न जाने कितने बच्चों की प्रतिरक्षा तंत्र खतरे में डाल कर रोगों का घर बना डाला ----माताओं को भी विभिन्न रोगों से ग्रसित कर दिया .....
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----वही आज उसी दुग्ध व कोलोस्ट्रम को प्रतिरक्षातंत्र के लिए लाभदायक बता रहा है ...|
---जबकि भारतीय माता व शिशु-ज्ञान सदा से ही उन्हें लाभदायक मानता आरहा था व है |
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