भारतीय नारी - ब्लॉग प्रतियोगिता -२ प्रविष्टि -6 [सुश्री शशि पुरवार ]
भारतीय नारी के बारे में क्या लिखूं , बस यही कि उससे बेहतर और कौन हो सकता है , परिवार का स्तम्भ , एक ऐसी परिधि जिसके चारो ओर हमारी दुनिया घुमती है , भारतीय नारी के कंधो पर इतनी सारी जिम्मेदारी होती है जिसे वह हँसते हुए सफलता पूर्वक निभाती है . बचपन से ही मै एक ऐसी नारी बनना चाहती थी जो शसक्त हो , आत्मविश्वास से लबरेज ,जिसकी आभा उसके चहरे से दिखे . हर नारी में यह गुण होता है , कोई उसे निखार लेता है , तो कोई जीवन को बोझ समझ कर ढोता है , मुझे शसक्त नारियों ने बेहद प्रभावित किया .
बचपन में जब ७ कक्षा में थी तब इंदिरा गाँधी को कार्य करते हुए देखा , उनके बचपन के बारे में पढ़ा , देश की कमान जिस तरह उन्होंने संभाली थी वह काबिले तारीफ थी , सौम्य रूप सादा सरल व्यक्तिव .....नजर बस ठहर ही जाये , जिस समय जब में पुरुष प्रधानता ज्यादा थी , उस समय इंदिरा गाँधी शीर्ष पर थी .और अपने कार्य के प्रति कर्मठ .
बस एक चाहत थी जीवन में कुछ करने की और वही सौम्यता जीवन में उतारने की ...... यह कहना गलत न होगा भारतीय नारी किसी से कम नहीं जो चाहे वह कर सकती है , बस जरूरत है पूर्ण आत्मविश्वास की जो स्वयं के लिए भो होना आवश्यक है . आज की नारी ने हर क्षेत्र में अपनी पताका लहराई है , आज पुरुष के कंधे से कन्धा मिलाकर नारी ने हर वो कार्य कर सकती है जहाँ पुरुषो का वर्चस्व था , अब नारी ने भी स्थान बनाया है .
शशि पुरवार
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परिचय ...
नाम --- शशि पुरवार
जन्म तिथि ---- २२ जून
जन्म स्थान --- इंदौर ( म. प्र.)
शिक्षा ---- स्नातक उपाधि ---- ,बी. एस सी ( विज्ञानं )
स्नातकोत्तर उपाधि - एम . ए ( राजनीती शास्त्र )
(देविअहिल्या विश्विधालय ,इंदौर )
हानर्स डिप्लोमा इन कंप्यूटर साफ्टवेयर ( तीन साल का )
कार्यक्षेत्र - मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव के रूप में सफलता पुर्वक कार्य का अनुभव लिया .
भाषा ज्ञान - हिंदी अंग्रेजी ,मराठी
प्रकाशन ------ कई समाचार पत्रों और पत्रिकाओ राष्ट्रीय पत्रिका में रचनाए ,लेख , लघुकथा , कविता का प्रकाशन होता रहता है . दैनिक भास्कर , बाबूजी का भारत मित्र , समाज कल्याण पत्रिका , हिमप्रस्थ , साहित्य दस्तक , लोकमत , नारी जाग्रति ........आदि .अनगिनत पत्र व पत्रिकाओ में प्रकाशन .
अंतर्जाल पर कई पत्रिकाओ में नियमित प्रकाशन होता है . हिंदी हाइकु , अनुभूति , त्रिवेणी , कविमन ,परिकल्पना , सहज साहित्य एवं अन्य पत्रिकाएं
"नारी विमर्श के अर्थ "-- साँझा संकलन प्रकाशित
" उजास साथ रखना "- साँझा संकलन , शीघ्र प्रकाश्य
लेखन विधाए व पहचान -------- बचपन से ही साहित्य के प्रति रुझान रहा है .प्रथम कविता 13 वर्ष की उम्र में लिखी ,प्रथम रचना लिखने के बाद जो अनुभूति हुई उसने कलम को जीवन का अभीन्न अंग बना लिया . विचार और संवेदनाए शब्दों के माध्यम से पन्नो पर जीवन के अलग अलग रंग बिखरने लगे .साहित्यिक विरासत माँ ( श्री मति मंजुला गुप्ता) से मिली . जीवन भर विद्यार्थी रहना ही पसंद है . रचनात्मकता और कार्य शीलता ही पहचान है . लेखन करने का एकमात्र यही उदेश्य है कि समाज के लिए कुछ कर सकूं , एक दिशा प्रदान कर सकूं .कहानी , कविता , लघुकथा , काव्य की अलग अलग विधाए , गीत , दोहे , कुण्डलियाँ , गजल ,छन्दमुक्त, तांका , चोका ,माहिया और लेखों के माध्यम से जीवन के बिभिन्न रंगों को उकेरना पसंद है
कविता दिल व आत्मा से निकली हुई आवाज होती है ,एवं शशि का अर्थ है चाँद तो चाँद की तरह शीतलता बिखेरने का नाम है जिंदगी .
संपर्क ----
email - shashipurwar@gmail.com
blog - http://sapne-shashi.blogspot.com
परिचय ...
नाम --- शशि पुरवार
जन्म तिथि ---- २२ जून
जन्म स्थान --- इंदौर ( म. प्र.)
शिक्षा ---- स्नातक उपाधि ---- ,बी. एस सी ( विज्ञानं )
स्नातकोत्तर उपाधि - एम . ए ( राजनीती शास्त्र )
(देविअहिल्या विश्विधालय ,इंदौर )
हानर्स डिप्लोमा इन कंप्यूटर साफ्टवेयर ( तीन साल का )
कार्यक्षेत्र - मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव के रूप में सफलता पुर्वक कार्य का अनुभव लिया .
भाषा ज्ञान - हिंदी अंग्रेजी ,मराठी
प्रकाशन ------ कई समाचार पत्रों और पत्रिकाओ राष्ट्रीय पत्रिका में रचनाए ,लेख , लघुकथा , कविता का प्रकाशन होता रहता है . दैनिक भास्कर , बाबूजी का भारत मित्र , समाज कल्याण पत्रिका , हिमप्रस्थ , साहित्य दस्तक , लोकमत , नारी जाग्रति ........आदि .अनगिनत पत्र व पत्रिकाओ में प्रकाशन .
अंतर्जाल पर कई पत्रिकाओ में नियमित प्रकाशन होता है . हिंदी हाइकु , अनुभूति , त्रिवेणी , कविमन ,परिकल्पना , सहज साहित्य एवं अन्य पत्रिकाएं
"नारी विमर्श के अर्थ "-- साँझा संकलन प्रकाशित
" उजास साथ रखना "- साँझा संकलन , शीघ्र प्रकाश्य
लेखन विधाए व पहचान -------- बचपन से ही साहित्य के प्रति रुझान रहा है .प्रथम कविता 13 वर्ष की उम्र में लिखी ,प्रथम रचना लिखने के बाद जो अनुभूति हुई उसने कलम को जीवन का अभीन्न अंग बना लिया . विचार और संवेदनाए शब्दों के माध्यम से पन्नो पर जीवन के अलग अलग रंग बिखरने लगे .साहित्यिक विरासत माँ ( श्री मति मंजुला गुप्ता) से मिली . जीवन भर विद्यार्थी रहना ही पसंद है . रचनात्मकता और कार्य शीलता ही पहचान है . लेखन करने का एकमात्र यही उदेश्य है कि समाज के लिए कुछ कर सकूं , एक दिशा प्रदान कर सकूं .कहानी , कविता , लघुकथा , काव्य की अलग अलग विधाए , गीत , दोहे , कुण्डलियाँ , गजल ,छन्दमुक्त, तांका , चोका ,माहिया और लेखों के माध्यम से जीवन के बिभिन्न रंगों को उकेरना पसंद है
कविता दिल व आत्मा से निकली हुई आवाज होती है ,एवं शशि का अर्थ है चाँद तो चाँद की तरह शीतलता बिखेरने का नाम है जिंदगी .
संपर्क ----
email - shashipurwar@gmail.com
blog - http://sapne-shashi.blogspot.com
सराहनीय प्रयास ..आभार . हम हिंदी चिट्ठाकार हैं.
जवाब देंहटाएंBHARTIY NARI .
.बहुत सुन्दर प्रस्तुति .आभार . कुपोषण और आमिर खान -बाँट रहे अधूरा ज्ञान साथ ही जानिए संपत्ति के अधिकार का इतिहास संपत्ति का अधिकार -3महिलाओं के लिए अनोखी शुरुआत आज ही जुड़ेंWOMAN ABOUT MAN
जवाब देंहटाएंsaadar abhaar shamil karne hetu , shukriya
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