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बुधवार, 11 जनवरी 2012

मुस्कुराहट तेरी

कर देती है दूर हर मुश्किल मेरी,
बस एक मीठी सी मुस्कुराहट तेरी |
थक-हार कर संध्या जब घर आता हूँ,
बस देख कर तुझको मैं चहक जाता हूँ|
देखकर हर दिखावे से दूर तेरे नैनों को,
पंख मिल जाता है मेरे मन केमैनों को |
जब गोद में लेके तुम्हे खिलाता हूँ,
सच, मैं स्वयंस्वर्गीय आनंद पाता हूँ |
नन्हें हाथों से तेरा यूँ ऊँगली पकड़ना,
लगता है मुझे स्वयं इश्वर का जकड़ना |
आज हो गयी है तू छः मास की,
बाग़ खिलने लगा है मन मेंआस की |
पर " परी" जब भी तू रोती है,
हृदय में एक पीड़ा-सी होती है |
देखकर मुझे बरबस खिलखिला देती हो,
पुलकित कर देती हो, झिलमिला देती हो |
कर देती है दूर हर मुश्किल मेरी,
बस एक मीठी सी मुस्कुराहट तेरी |

15 टिप्‍पणियां:

  1. सुन्दर ..अति सुन्दर !!
    kalamdaan.blogspot.com

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  2. betiyan pita ka abhiman hoti haen or sabse jyada pyaari hotin haen.

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  5. बहुत सुन्दर, आपने सही कहा बेटी परिवार के स्नेह का केन्द्र बिन्दु और कई रिश्तो का मूल होती है।

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  6. सुन्दर भाव...


    बेटी तुम जीवन का धन हो,
    इस आंगन का स्वर्ण सुमन हो ॥

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  7. नन्ही सी बिटिया की मुस्कान हर दर्द भुला देती है...

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  8. कर देती है दूर हर मुश्किल मेरी,
    बस एक मीठी सी मुस्कुराहट तेरी |

    tere ghar aayi ek nanhi pari...!!

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  9. नन्हें हाथों से तेरा यूँ ऊँगली पकड़ना,
    लगता है मुझे स्वयं इश्वर का जकड़ना
    सुन्दर भाव

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  10. आप सबका बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार ।

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  11. बिटिया से ही घर पूर्ण बनता है और स्वर्ग भी. बहुत सुंदर रचना.

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