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सोमवार, 28 नवंबर 2011
एहसास - ए- दिल
१. हंसाने वाले मुस्कराहट दे ,, खुद भी मुस्कुराते हैं . तो क्या यूँ सबको रुलाने वाले भी,,, कभी किसी के लिए आंसूं बहाते हैं
२.मैं हूँ उन लहरों की तरह जो ऊँचाई छुआ करती हैं मिल जातीं हैं रेत से पर खुद के अस्तित्व को कायम रखती हैं |
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