''देवी चौधरानी ''-प्रथम महिला आजादी सेनानी
भारत माँ की बेटी थी ''देवी चौधरानी ''
आजादी हित बनी प्रथम महिला सेनानी ,
संन्यासी विद्रोह की वो ही सूत्रधार थी
अंग्रेजों का काल ; पैनी एक कटार थी ,
अंग्रेजों ने कहा 'लुटेरे',वे थे सेनानी ,
इस महिला की सेना ने बस यह थी ठानी ,
अंग्रेजों को भारत-भूमि से दूर करेंगे
अन्याय की आग को ठंडा हम कर देंगे ,
आजादी की लड़ी लड़ाई बीस वर्ष तक
हार न मानी ''राजरानी'' ने लगा दी ताकत ,
विद्रोही -टोली की मुखिया , योद्धा दल की नेता ,
कोई पकड़ न पाया ,वो थी अजेय विजेता ,
युगों-युगों तक नाम तुम्हारा अमर रहेगा !
हर पीढ़ी के लिए प्रेरणा बना रहेगा !
शिखा कौशिक
बहुत अच्छा वर्णन किया है आपने देवी चौधरानी का.आज इन्हें भी जानने का सुअवसर मिला है .वास्तव में भारतीय नारी ब्लॉग पर स्थान पाने की ये adhikari हैं.ब्लॉग की सार्थकता aise चरित्रों के वर्णन है.
जवाब देंहटाएंयुगों-युगों तक नाम तुम्हारा अमर रहेगा
जवाब देंहटाएंहर पीढ़ी के लिए प्रेरणा बना रहेगा ...
ऐसी वीरांगना को नमन है हमारा ... बहुत लाजवाब तरीके से लिखा है शिखा जी ने ...
बहुत सुन्दर रचना , सार्थक प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंदेवी चौधरानी के जीवन से प्रेरणा मिलती है । उनको नमन ।
जवाब देंहटाएंSwatNtrata diwas ki purva sanshya par punya smaran.
जवाब देंहटाएंDhanyawaad ewm aabhar.
भारत माँ की बेटी थी ''देवी चौधरानी ''
जवाब देंहटाएंआजादी हित बनी प्रथम महिला सेनानी ,
देवी चौधरानी को नमन .....
वन्दनीय रचना ....