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शुक्रवार, 7 अगस्त 2015

आखिर कब तक

आखिर कब तक
झूठी इज्ज़त के नाम पर समाज
को बलि चढ़ती रहेगी लडकियाँ

आखिर कब तक
संस्कारों के नाम पर
दबती रहेगी लडकियाँ

आखिर कब तक
अपनों की ख़ुशी के लिये अपनी
हर खुशी ठुकराती रहेगी लडकियाँ

आखिर कब तक
यू ही दुनिया के आगे
डर डर के जीती रहेगी लडकियाँ

आखिर कब तक
लोगो के सवालो के कटघरो
में खड़ी रहेगी लडकियाँ

आखिर कब तक
इज्ज़त और मान के
लिये तरसती रहेगी लडकियाँ

आखिर कब तक
अपने छोटे छोटे हक़
के लिए लड़ती रहेगी लडकियाँ

आखिर कब तक
आखिर कब तक ...........





7 टिप्‍पणियां:

  1. सुन्दर व सार्थक रचना प्रस्तुतिकरण के लिए आभार..
    मेरे ब्लॉग की नई पोस्ट पर आपका इंतजार...

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  2. बहुत अच्छा लिखा है।बहुत सुंदर ।

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  3. REALLY WOMAN IS ASKING THIS QUESTION FORM MORE THEN HUNDRED AND HUNDRED YEARS . THANKS TO SHARE YOUR VIEWS WITH US .

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  4. शायद तब तक जब तक वो खुद आगे न बढ़े।

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