''माँ मैं कौन सी पोशाक पहनूं ?'' चिया ने चहकते हुए माँ से पूछा तो माँ ने उदासीन भाव से कहा -'' कुछ भी जो शालीन हो वो पहन लो . चिया ने आर्टिफिशल ज्वेलरी दिखाते हुए माँ से पूछा -'' माँ ये माला का सैट कैसा लगेगा मुझ पर ? माँ ने उड़ती-उड़ती नज़र चिया की ज्वेलरी पर डाली और सुस्त से स्वर में बोली -'' हां...............ठीक-ठाक ही है .'' चिया ने अपने लम्बे नाख़ून जो नेल पॉलिश से सजाये थे माँ की ओर करते हुए कहा - माँ देखो ना कैसे लग रहे हैं !'' माँ ने उखड़ते हुए कहा -'' क्या चिया ...कब से दिमाग खाए जा रही है ....पोशाक , ज्वैलरी ,नाखून ...बेटा एक बार कोर्स की किताबे भी देख ले ...कॉलेज जाना है तुझे कहीं शादी -ब्याह में नहीं ..समझी !'' चिया ने माँ की ओर चिढ़ते हुए देखा और आईने के सामने के खड़ी होकर बाल संवारने लगी .
शिखा कौशिक 'नूतन '
yathrath prastuti .
जवाब देंहटाएंhar maaM kee kahaanee1
जवाब देंहटाएंसटीक रचना
जवाब देंहटाएंसुन्दर व सार्थक प्रस्तुति..
जवाब देंहटाएंशुभकामनाएँ।
मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है।
सार्थक प्रस्तुति शिखा जी ,
जवाब देंहटाएंविडम्बना है कि इस दिखावे की दुनिया में
हर माँ की समझदार सलाह पर हर चिया ऐसी
ही बेरुखी भरी प्रतिक्रिया देती है।
आपकी अधिकतर रचनाएँ पढ़ीं शिखा जी लगभग सभी अप्रतिम हैं नारी विषय पर ही एक ब्लॉग बनाने की कोशिश मैंने भी की है और कुछ रचनाये वह मुझ से भी लिखा गई हैं सम्भव हो तो पढ़कर मार्गदर्शन कीजियेगा....
जवाब देंहटाएंनारी का नारी को नारी के लिए lekhaniblogdj.blogspot.in
सुस्वागतम, शिखा जी! आप का आना बहुत अच्छा लगा। प्रतिक्रिया देने हेतु आभार। कृपया ऐसे ही मार्गदर्शन करते रहिएगा।
जवाब देंहटाएंBadhiyaan ,aesa hi hota hai
जवाब देंहटाएंआज कल तो इस दुनिया में लोगो की काबिलियत का अन्दाजा भी उनके कपडो
जवाब देंहटाएंको देखकर लगाया जाता है