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शनिवार, 28 दिसंबर 2013

औकात में रह औरत सुन कान खोलकर !

Za tebe se Allahu borimo jer te srcem volimo
लम्बी जुबान बंद कर सुन कान खोलकर !
औकात में रह औरत सुन कान खोलकर !
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शौहर को कभी अपने यूँ आँख मत दिखाना ,
वो काट देगा गर्दन सुन कान खोलकर !
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उसका कहा करे जा मत सवाल पूछ ,
मालिक वही है तेरा सुन कान खोलकर !
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चौखट के ही भीतर है बेअक्ल तेरी जन्नत ,
ये कह रहा है शौहर सुन कान खोलकर !
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जाओगी कहाँ बेगम जो हमसे की बगावत ,
मर्दों का है ज़माना सुन कान खोलकर !

शिखा कौशिक 'नूतन'

8 टिप्‍पणियां:

  1. आखिर में एक सार्थक संदेश देना चाहिए था..

    बैड टेस्ट

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  2. ---क्या बात है ....महेंद्र जी के लिए पेश है..

    बोली वो हंसके शौहर,ख्याली पुलाव है ये,
    कब तुमसे कम रहे हम,सुन कान खोल कर|

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  3. प्रधान मंत्री हो या जनरल हो शौहर ,सब बाहर
    घर के अन्दर मेरा गुलाम है ,सुन कान खोलकर |
    नई पोस्ट मेरे सपनो के रामराज्य (भाग तीन -अन्तिम भाग)
    नई पोस्ट ईशु का जन्म !

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  4. @MAHENDRA JI -I THINK GUPT JI HAS MADE YOUR TASTE GOOD NOW .
    THANKS GUPT JI ,KALI PRASAD JI AND ROSH JI

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  5. सारे कानून नियम कायदे औरत के लिए ही क्यूं

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  6. सावन कुमार जी.....वास्तव में तो ये सारे कायदे कानून पुरुष के लिए भी हैं ..पर वे हैं कि पालन ही नहीं करते.... निश्चय ही बदलाव जरूरी है ...

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