जानकी जयंती [१९ मई २०१३ ]पर विशेष
जनकनंदनी की महिमा का आओ हम गुणगान करें !
श्री राम की प्राण प्रिया के चरणों में निज शीश धरें !!
बड़े भाग मिथिला पति के सीता सम पुत्री पाई ,
सुनयना की शिक्षा जिसने पल भर को न बिसराई ,
त्याग-तपस्या की मूर्ति जानकी का हम ध्यान करें !
श्री राम की प्राण प्रिया के चरणों में निज शीश धरें !!
कुल वधू राजा दशरथ की सिया कौशल्या को प्यारी ,
श्री राम संग झेली वनवास -विपत्ति भारी ,
पतिव्रता जगदम्बा ने निज सुख सारे बलिदान किये !
श्री राम की प्राण प्रिया के चरणों में निज शीश धरें !!
दिया राम ने त्याग सिया को प्रजा में जब अपवाद उठा ,
कुटिल दैव की इस करनी से सिया का यश था नहीं घटा ,
लव-कुश की पावन माता का ह्रदय से हम सम्मान करें !
श्री राम की प्राण प्रिया के चरणों में निज शीश धरें !!
पुत्री ,पत्नी , माता धर्म निभाया जिसने दृढ होकर ,
सिया चरित आदर्श यही सन्देश मैं आई हूँ लेकर ,
भारत की इस नारी पर आओ मिलकर अभिमान करें !
श्री राम की प्राण प्रिया के चरणों में निज शीश धरें !!
शिखा कौशिक 'नूतन'
बहुत सुन्दर भावनात्मक अभिव्यक्ति जानकी जयंती की शुभकामनायें ..आभार . मेरी किस्मत ही ऐसी है .
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
जवाब देंहटाएंआपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि की चर्चा आज रविवार (19-05-2013) के मंजिल को हँसी-खेल समझना न परिन्दों : चर्चा मंच- 1249 मयंक का कोना पर भी है!
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बढिया, बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंजय हो
वाह ! क्या बात है ...जय जनक नन्दिनी की....
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