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मंगलवार, 23 अप्रैल 2013

SHOUT LOUDLY ...HANG THE RAPIST !!

 SHOUT LOUDLY ...HANG THE RAPIST !!
 cookie--not a rapist


COME WITH ME WITH HEART AND SOUL 
LET US FIGHT WITH TOOTH AND NAIL 
TIME HAS COME TO STAND  AGAINST 
SHOUT LOUDLY ...HANG THE RAPIST !!

NO ONE CAN PUT OUT OUR COURAGE
WE CAN NOT TOLERATE MORE RAPE 
NO MAKE UP FOR THIS CRIME 
WE WANT ONLY RAPIST LIFE 
DRAW BACK OUR DIGNITY &RESPECT 
 SHOUT LOUDLY ...HANG THE RAPIST !!

CARRY ON HOLD ON KNOCK DOWN ALL BARRIERS 
WE CAN NOT BEAR WITH FOR SOME TIME MORE 
WITH ONE VOICE WE WANT TO SAY 
WE SHALL NOT MEET ANY HALF WAY 
WE WANT JUSTICE NOTHING ELSE ACCEPT 
 SHOUT LOUDLY ...HANG THE RAPIST !!

               SHIKHA KAUSHIK 'NUTAN'

सोमवार, 22 अप्रैल 2013

लूट न पाए दरिंदा एक भी बेटी की लाज !

 बच्ची से बलात्कार: दूसरा आरोपी भी गिरफ्तार 

 

आग दिल में लगी है जलाकर के कर देंगें खाक ,  

दुराचारी एक न बचेगा लेते हैं प्रण ये आज !


रहम न करेंगें किसी पर हो चाहे अपना सगा ,
दुष्कर्म जो भी करेगा उसका कटेगा गला ,
खिल पायें कोमल कलियाँ ऐसा बना दें समाज !
आग दिल में लगी है जलाकर के कर देंगें खाक!

सहमे  हुए न रहो अब दहला दो दुष्टों का दिल ,
इनको चढ़ा दो फाँसी पर जीने के ये न काबिल ,
लूट न पाए दरिंदा एक भी बेटी की लाज !
आग दिल में लगी है जलाकर के कर देंगें खाक !

 हैवानों की मौत बनकर झपटेंगें  हम इन्सान ,
कर देंगें टुकड़े इनके तब ही थमेगा तूफ़ान ,
अब न बहो भावना में विचारों में भर लो तेजाब !
आग दिल में लगी है जलाकर के कर देंगें खाक !

जय हिन्द !

शिखा कौशिक 'नूतन '


हम ऐसा क्यों नहीं कर सकते ?



घृणा और जुगुप्सा के मारे दो तीन दिन से संज्ञाशून्य होने जैसी स्थिति हो गयी है ! शर्मिंदगी, क्षोभ और गुस्से का यह आलम है कि लगता है मुँह खोला तो जैसे ज्वालामुखी फट पड़ेगा ! यह किस किस्म के समाज में हम रह रहे हैं जहाँ ना तो इंसानियत बची है, न दया माया ना ही मासूम बच्चों के प्रति ममता और करुणा का भाव ! इतना तो मान कर चलना ही होगा कि इस तरह की घृणित मानसिकता वाले लोग जानवर ही होते हैं ! अब चिंता इस बात की है कि प्रतिक्षण बढ़ने वाली जनसंख्या में ऐसे जानवर कितने पैदा हो रहे हैं और कहाँ कहाँ हो रहे हैं इस आँकड़े का निर्धारण कैसे हो ! समस्या का हल सिर्फ एक ही है कि इन जानवरों को इंसान बनाना होगा ! उसके लिये जो भी उपाय हो सकते हैं किये ही जाने चाहिये ! सबसे पहले पोर्न फ़िल्में और वीडियोज दिखाने वाले टी वी चैनल्स पर तत्काल बैन लगा दिया जाना चाहिये ! फिल्मों में दिखाये जाने बेहूदा आइटम सॉंग्स, अश्लील दृश्य व संवाद, जो आजकल फिल्म की सफलता की गारंटी माने जाते हैं, सैंसर बोर्ड द्वारा पास ही नहीं किये जाने चाहिये ! समाज का एक अभिन्न अंग होने के नाते महिलाओं की भी जिम्मेदारी होती है कि समाज में हर पल बढ़ते इस मानसिक प्रदूषण को रोकने के लिये कुछ कारगर उपाय करें ! इसलिये केवल खोखली शोहरत और धन कमाने के लिये अभिनेत्रियों व मॉडल्स को ऐसी फिल्मों व विज्ञापनों में काम करने से मना कर देना चाहिये जिन्हें देख कर समाज के लोगों की मानसिकता पर दुष्प्रभाव पड़ता हो ! स्त्री एक माँ भी होती है ! अपने बच्चों को गलत रास्ते पर जाने से रोकने के लिये एक माँ हर संभव उपाय अपनाती है ! आज भारतीय समाज भी ऐसे ही निरंकुश, पथभ्रष्ट और संस्कारविहीन लोगों से भरता जा रहा है ! महिलाओं को माँ बन कर उन्हें सख्ती से रास्ते पर लाना होगा और इसके लिये सरकार को भी कुछ सख्त कदम उठा कर क़ानून कायदों को प्रभावी और समाजोपयोगी बनाना होगा ! पश्चिमी संस्कृति का जब और सारी बातों में अनुसरण किया जाता है तो इस बात में भी तो किया जाना चाहिये कि वहाँ की क़ानून व्यवस्था कितनी सख्त और पुख्ता है और उसका इम्प्लीमेंटेशन कितना त्वरित और असरदार होता है ! वहाँ किसी व्यक्ति के खिलाफ, बलात्कार तो बहुत बड़ी बात है, यदि ईव टीज़िंग की शिकायत भी दर्ज कर दी जाती है तो उसे सज़ा तो भुगतनी  ही पड़ती है उसके अलावा हमेशा के लिये उसका रिकॉर्ड खराब हो जाता है और उसे कहीं नौकरी नहीं मिलती ! हमारे देश में विरोध करने वालों की सहायता करने की बजाय पुलिसवाले उन पर हाथ उठाते हैं और उन्हें पैसे देकर मामला दबाने के लिये मजबूर करते हैं !
दामिनी वाला हादसा जब हुआ था तब भी मैंने इस विषय पर एक पोस्ट डाली थी और अपनी ओर से कुछ सुझाव दिये थे ! आज फिर उस आलेख का यह हिस्सा दोहरा रही हूँ ! दामिनी के साथ क्या हुआ, क्यों हुआ उसे दोहराना नहीं चाहती ! दोहराने से कोई फ़ायदा भी नहीं है ! हमारा सारा ध्यान इस बात पर केन्द्रित होना चाहिए कि जो हैवान उसके गुनहगार हैं उनके साथ क्या हो रहा है और क्या होना चाहिए ! देश की धीमी न्याय प्रक्रिया पर हमें भरोसा नहीं है ! यहाँ कोर्ट में मुकदमे सालों तक चलते हैं और ऐसे खतरनाक अपराधी जमानत पर छूट कर फिर उसी तरह के जघन्य अपराधों में लिप्त होकर समाज के लिए खतरा बन कर बेख़ौफ़ घूमते रहते हैं !
भागलपुर वाले केस को आप लोग अभी तक भूले नहीं होंगे जिसमें बारह साल पहले एक ऐसी ही साहसी और बहादुर लड़की पर गुंडों ने प्रतिरोध करने पर एसिड डाल कर उसका चेहरा जला दिया था ! वह लड़की अभी तक न्याय के लिए प्रतीक्षा कर रही है और उसके गुनहगार सालों से जमानत पर छूट कर ऐशो आराम की ज़िंदगी बसर कर रहे हैं साथ ही अपने गुनाहों के सबूत मिटा रहे हैं !
मेरे विचार से ऐसे गुनहगारों को कोर्ट कचहरी के टेढ़े-मेढ़े रास्तों, वकीलों और जजों की लम्बी-लम्बी बहसों और हर रोज़ आगे बढ़ती मुकदमों की तारीखों की भूलभुलैया से निकाल कर सीधे समाज के हवाले कर देना चाहिए ! सर्व सम्मति से समाज के हर वर्ग और हर क्षेत्र से प्रबुद्ध व्यक्तियों की समिति बनानी चाहिए जिनमें प्राध्यापक, वकील, जज, कलाकार, गृहणियाँ, डॉक्टर्स, इंजीनियर्स, व्यापारी, साहित्यकार व अन्य सभी विधाओं से जुड़े लोग शामिल हों और सबकी राय से उचित फैसला किया जाना चाहिए और गुनहगारों को दंड भी सरे आम दिया जाना चाहिए ताकि बाकी सभी के लिए ऐसा फैसला सबक बन सके !
ऐसे अपराधियों के माता-पिता से पूछना चाहिए कि वे अपने ऐसे कुसंस्कारी और हैवान बेटों के लिए खुद क्या सज़ा तजवीज करते हैं ! अगर वे अपने बच्चों के लिए रहम की अपील करते हैं तो उनसे पूछना चाहिए की यदि उनकी अपनी बेटी के साथ ऐसी दुर्घटना हो जाती तो क्या वे उसके गुनहगारों के लिए भी रहम की अपील ही करते ? इतनी खराब परवरिश और इतने खराब संस्कार अपने बच्चों को देने के लिए स्वयम् उन्हें क्या सज़ा दी जानी चाहिए ? दामिनी, गुड़िया या इन दरिंदों की हवस का शिकार हुई उन जैसी अनेकों बच्चियों के गुनाहगारों पर कोल्ड ब्लडेड मर्डर का आरोप लगाया जाना चाहिए और उन्हें तुरंत कड़ी से कड़ी सज़ा मिलनी चाहिये !
लेकिन यह भी सच है कि हमारे आपके चाहने से क्या होगा ! होगा वही जो इस देश की धीमी गति से चलने वाली व्यवस्था में विधि सम्मत होगा ! मगर इतना तो हम कर ही सकते हैं कि इतने घटिया लोगों का पूरी तरह से सामाजिक बहिष्कार कर दिया जाए ! सबसे ज्यादह आपत्ति तो मुझे इस बात पर है कि रिपोर्टिंग के वक्त ऐसे गुनाहगारों के चहरे क्यों छिपाए जाते हैं ! होना तो यह चाहिये कि जिन लोगों के ऊपर बलात्कार के आरोप सिद्ध हो चुके हैं उनकी तस्वीरें, नाम, पता व सभी डिटेल हर रोज़ टी वी पर और अखबारों में दिखाए जाने चाहिए ताकि ऐसे लोगों से जनता सावधान रह सके ! समाज के आम लोगों के साथ घुलमिल कर रहने का इन्हें मौक़ा नहीं दिया जाना चाहिए ! यदि किरायेदार हैं तो इन्हें तुरंत घर से निकाल बाहर करना चाहिए और यदि मकान मालिक हैं तो ऐसा क़ानून बनाया जाना चाहिए कि इन्हें इनकी जायदाद से बेदखल किया जा सके ! जब तक कड़े और ठोस कदम नहीं उठाये जायेंगे ये मुख्य धारा में सबके बीच छिपे रहेंगे और मौक़ा पाते ही अपने घिनौने इरादों को अंजाम देते रहेंगे ! जब दंड कठोर होगा और परिवार के अन्य सदस्य भी इसकी चपेट में आयेंगे तो घर के लोग भी अपने बच्चों के चालचलन पर निगरानी रखेंगे और लगाम खींच कर रखेंगे ! यदि इन बातों पर ध्यान दिया जाएगा तो आशा कर सकते हैं कि ऐसी घटनाओं की आवृति में निश्चित रूप से कमी आ जाएगी ! 
दामिनी के गुनाहगारों को सज़ा देने में इतनी ढील ना बरती जाती तो शायद ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति इतनी अधिक नहीं होती और कई ‘गुड़ियाएँ’ इस दमन से बच गयी होतीं ! मेरी इच्छा है इस आलेख को सभी लोग पढ़ें और सभी प्रबुद्ध पाठकों का इसे समर्थन मिले ताकि इस दमन चक्र के खिलाफ उठने वाली आवाज़ इतनी बुलंद हो जाये कि नीति नियंताओं की नींद टूटे और वे किसी सार्थक निष्कर्ष पर पहुँच सकें !

साधना वैद

रविवार, 21 अप्रैल 2013

लक्ष्मण -रेखा देंगें खींच !




बीजेपी की महिला कार्यकर्ताओं का सोनिया के घर पर प्रदर्शन, देखें विडियो।


कलियाँ नोंच रहें हैं कामी ,
कामुक की रोको मनमानी
,
चीर के सीना चूस लो रक्त
,
बन जाओ
 चंडी के भक्त !

कामुकता का नंगा नाच ,
खेल रहे ये नर-पिशाच
,
हाथ हमारे लग जाएँ तो

गर्दन देंगें इनकी काट !

हैवानों के टुकडें कर के ,
चौराहों पर आज दो टाँग
,
रूह कंपा दो शैतानों की
,
इनके भीतर भरी सड़ांध !

आँख उठाये जो बेटी पर ,
आँखें उसकी देंगें फोड़
,
खुलेआम दो इनको फाँसी
,
तभी मिटे कामुकता -कोढ़ !

दुष्ट अधम पापी और नीच ,
ना रखेंगें अपने बीच
,
रहें सुरक्षित अपनी बिटियाँ
,
लक्ष्मण -रेखा देंगें खींच !


जय हिन्द !

शिखा कौशिक
'नूतन'

" कुछ शायरी की बात होजाए ....डा श्याम गुप्त ..

                                          मेरी शीघ्र प्रकाश्य शायरी संग्रह....." कुछ शायरी की बात होजाए "   से गज़ल , नज़्म, रुबाइयाँ .... मेरे ब्लॉग ...साहित्य श्याम ----http://saahity shyam.blogspot.com ...पर प्रकाशित की जायेंगी |.....

शुक्रवार, 19 अप्रैल 2013

दुर्गा सप्तशती के अनुसार ...देवी के १०८ नाम ..डा श्याम गुप्त.....



  

                       देवी के नौ रूप अर्थात –  नारी के नौ रूप-भाव

 
               नारी को सदा ही आदि-शक्ति का रूप माना जाता है | संसार की उत्पत्ति, स्थिति, संसार चक्र की व्यवस्था, व लय .... सभी आदि-शक्ति का ही कृतित्व होता है | इसी प्रकार समस्त संसार व जीवन-जगत एवं पुरुष जीवन –नारी के ही चारों ओर परिक्रमित होता है | आदि-शक्ति या देवी के ये नौ रूप एवं नौ -दिवस ---वस्तुतः  नारी के विभिन्न रूपों व कृतित्वों के प्रतीक ही हैं |
१- शैलपुत्री --- वृषभ वाहिनी –अर्थात ...नारी बल का प्रतीक है...समस्त प्राणि-जगत व मानव की शक्ति प्रदायक ....पत्नी, माँ, पुत्री, भगिनी, मित्र ...प्रत्येक रूप में नारी- संसार व  पुरुष के लिए शारीरिक, मानसिक व आत्मिक बल प्रदायक होती है |
२-ब्रह्मचारिणी --–अष्टकमल आरूढा, श्वेत वस्त्र धारिणी ----- अर्थात नारी विद्या रूप है ---विद्या ही   शालीनता, तप, त्याग, सदाचार, संयम समयोचित वैराज्ञ प्रदान करती है, ये सभी नारी-शक्ति के मूल गुण हैं | यह ब्रह्म-ज्ञान है | नारी ही अपने विविध रूपों में मानव को, पुरुष को अष्ट-कमल रूपी विविध ज्ञान से युक्त करके उसे संसार में प्रवृत्त भी करती है-----विरत भी कर सकती है |
३-चंद्रघंटा --- मष्तिस्क पर चन्द्र का घंटा रूप –तीन नेत्र व दस भुजाएं, बाघ के सवारी --- स्वर्ण शरीर ---अर्थात तीनों लोकों  दशों दिशाओं में स्थित अपनी त्रिगुणमयी  माया –सत्, तम, रज से नियमित संसार चक्र द्वारा-- बलशाली होते हुए भी शान्ति का उद्घोष ---- नारी ही समस्त संसार में, पुरुष के मन में, जीवन में शारीरिक, मानसिक व आत्मिक शांति स्थापना द्वारा –ज्ञान का तेज, आयुष्य, आरोग्य, सुख, सम्पन्नता  व कल्याण का मार्ग प्रशस्त करती है |  
४-कुष्मांडा ---बाघ पर सवार व अष्ट-भुजी --- दुर्गा .. अर्थात ब्रह्माण्ड, ब्रह्म-अंड की सृष्टि --- नारी ही तो सृष्टि की सृष्टा है, जनक, जननी है | मानव व संसार की रक्षा-सुरक्षा हेतु विविध प्रकार के दुर्ग बनाने में सक्षम, समस्त रोग, शोक आदि निवारक होती है  |
५-स्कन्द माता--- सवारी कमल एवं सिंह दोनों ....पद्मा व सिंह वाहिनी – समस्त प्रकार का कल्याण | है |  ब्रह्म रूप सनत्कुमार को गोद में लिए एवं सूक्ष् रूप में छह सिर वाली देवी भी गोद में | अर्थात नारी पुरुष व संसार के कल्याण हेतु कल्याण हेतु भयानक व दुर्दम्य निर्णय व रूप भी ले सकती है | नारी समस्त जगत व पुरुष की पालक धारक माता भी है | जीवन, जगत व शरीर के षट्चक्रों-विविध क्रियाओं( षटरसों या खटरस—दुनिया के प्रपंच , व्यावहारिक कला, ज्ञान, कर्म  ) की नियामक भी है |
६-कात्यायिनी ---पापियों की नाशक –ऋषियों-मुनियों की सहायक, चार भुजा, सिंह सवारी – नारी का सज्जनों व  ज्ञानियों के प्रति सदा ही सम्मान, प्रेम-भाव रहता है व  उन्हें दुष्ट जनों, पापियों से सदा ही सहायता व संरक्षण उनकी प्राथमिकता होती है |
७-कालरात्रि --- या शुभंकरी –काला शरीर, केश फैले हुए, विकट-स्वरुप, आँखों से अग्नि, अर्धनारीश्वर शिव की तांडव-मुद्रा ... काली रूप ... सदैव शत्रु व दुष्टों की संहारक ...संसार व मानव हेतु कल्याण कारक| नारी का रूप सदैव ही पुरुष व संसार हेतु कल्याणकारी, शुभ कारी ही होता है परन्तु आवश्यकता पडने पर पुरुष, पिता, पुत्र, पति, भ्राता  पर आपत्ति आने पर वही – दुष्ट जनों के लिए दुर्गा रूप, काली रूप रख सकती है.. | यही शक्ति का नारी का काली रूप है |
८-महागौरी –तपस्या से गौर वर्ण प्राप्ति, श्वेत बृषभ आरूढा , श्वेत वस्त्र,डमरू-त्रिशूल धारी, अन्नपूर्णा ---अर्थात नारी पुरुष के लिए त्याग, तपस्या, तप सब कर सकती है...पुरुष की, समस्त  संसार की पालक-पोषक शक्ति है जिसके लिए वह मान करतीहै , मनाती है , डमरू भी बजाती है और त्रिशूल का भय भी दिखाती है | पुरुष व मानव के हर वय के, जीवन के हर स्तर पर  वही तो अन्नपूर्णा है जो हर प्रकार का धन, वैभव सुख, शान्ति प्राप्ति में सहायक है |
९-सिद्धिदात्री --- कमलासन पर,सुदर्शनचक्र, गदा, कमाल,शंख धारी , सरस्वती रूप श्वेत-वर्ण, महाज्ञान सहित सौम्य भाव , मधुर स्वर | विष्णु के ही अनुरूप संसार के समस्त चक्रीय-व्यवस्थाओं की नियामक.... | अर्थात नारी ही तो पुरुष के, जगत के, संसार के समस्त व्यवस्थाओं की नियामक होती है ...वही तो पुरुष को ज्ञान, कर्म व भक्ति रूपी समस्त सिद्धि-प्रसिद्धियों को प्राप्त करने में सहायक होती है, सम्पूर्ण जीवन तत्व व सम्पूर्ण सिद्धि...मोक्ष में सहायक होती है|
        यदि हम इन नवरात्र में नारी के हर वय-रूप की उपेक्षा, उस पर अन्याय, अनाचार, अत्याचार के विरुद्ध अपने सोच, विचार, समर्थन व यथासंभव कदम उठाने हेतु व प्रयत्न करने का निश्चय करें, यही देवी की सच्ची आराधना होगी |


दुर्गा सप्तशती के अनुसार ...देवी के १०८ नाम ......

महा भगवती
सती

साध्वी

भवप्रीता

भवानी

भवमोचनी

आर्या

दुर्गा

जया

आद्या

त्रिनेत्रा

शूलधारिणी

पिनाकधारिणी

चित्रा

चंडघंटा

महातपा

मन

बुद्धि

अहंकारा

चित्तरूपा

चिता

चिति

सर्वमंत्रमयी

सत्ता

सत्यानन्द स्वरूपिणी

अनंता

भाविनी

भाव्या

भव्या

अभव्या

सदागति

शाम्भवी

देवमाता

चिंता

रत्नप्रिया

सर्वविद्या

दक्ष कन्या

दक्ष यज्ञ विनासिनी

अपर्णा

अनेकवर्णा

पाटला

पाटलावती

 पट्टाम्बर परिधाना

कल मंजीर रंजिनी

अमेयविक्रमा

क्रूरा

सुन्दरी

सुरसुन्दरी

वनदुर्गा

मातंगी

मतंगमुनि पूजिता

ब्राह्मी

माहेश्वरी

एन्द्री

कौमारी

वैष्णवी

चामुंडा

वाराही

लक्ष्मी

पुरुषाकृति

विमला

उत्कर्षिणी

ज्ञाना

क्रिया

नित्या 

बुद्धिदा

बहुला

बहुल प्रेमा

सर्व वाहन वाहना

निशुम्भ-शुम्भ हननी

महिषासुरमर्दिनी

मधुकैटभ हन्त्री

चंड मुंड विनासिनी

सर्वासुरविनाशा

सर्वदानवघातिनी

सर्वशास्त्रमयी

सत्या

सर्वास्त्र धारिणी

अनेक शस्त्र हस्ता

अनेकास्त्र धारिणी

कुमारी

एककन्या

कैशोरी

युवती

यति

अप्रौढा

प्रोढ़ा

वृद्धमाता

बलप्रदा

महोदरी

मुक्तकेशी

घोररूपा

महाबला

अग्निज्वाला

रौद्रमुखी

कालरात्रि

तपस्विनी

नारायणी

भद्रकाली

विष्णुमाया

जलोदरी

शिवदूती

कराली

अनंता

परमेश्वरी

कात्यायिनी

सावित्री

प्रत्यक्षा

ब्रह्मवादिनी