पेज

रविवार, 21 अप्रैल 2013

लक्ष्मण -रेखा देंगें खींच !




बीजेपी की महिला कार्यकर्ताओं का सोनिया के घर पर प्रदर्शन, देखें विडियो।


कलियाँ नोंच रहें हैं कामी ,
कामुक की रोको मनमानी
,
चीर के सीना चूस लो रक्त
,
बन जाओ
 चंडी के भक्त !

कामुकता का नंगा नाच ,
खेल रहे ये नर-पिशाच
,
हाथ हमारे लग जाएँ तो

गर्दन देंगें इनकी काट !

हैवानों के टुकडें कर के ,
चौराहों पर आज दो टाँग
,
रूह कंपा दो शैतानों की
,
इनके भीतर भरी सड़ांध !

आँख उठाये जो बेटी पर ,
आँखें उसकी देंगें फोड़
,
खुलेआम दो इनको फाँसी
,
तभी मिटे कामुकता -कोढ़ !

दुष्ट अधम पापी और नीच ,
ना रखेंगें अपने बीच
,
रहें सुरक्षित अपनी बिटियाँ
,
लक्ष्मण -रेखा देंगें खींच !


जय हिन्द !

शिखा कौशिक
'नूतन'

7 टिप्‍पणियां:

  1. हुंकार भरती रचना .. एकदम ऐसा ही हो ....

    जवाब देंहटाएं
  2. एक खबर के अनुसार दुष्कर्म की बढ़ती घटनाओं और सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद सरकार पोर्न साइट्स पर पाबंदी लगाने की तैयारी में है। साइबर अपराध शाखा और खुफिया विभाग की जांच टीम ने सरकार को सौंपी रिपोर्ट में बताया है कि इंटरनेट के जरिए 60 प्रतिशत तक अश्लील साइट्स को देखा जाता है। यानी इंटरनेट के जरिए की जाने वाली कुल सर्फिंग में से करीब 60 फीसदी ये साइट्स देखी जाती हैं। लगभग 546 साइट्स को प्रतिबंधित करने के लिए चिह्नित किया जा चुका है। इन साइट्स पर प्रतिबंध लगाने के लिए सरकार गूगल और याहू जैसी इंटरनेट सेवा देने वाली कंपनियों की भी मदद लेगी। उल्लंघन करने पर सर्च इंजन पर रोक जैसे कड़े कदम भी उठाए जा सकते हैं।


    अब सवाल यही उठता है कि आज की नौजवान पीढ़ी इंटरनेट जैसे साधनों का प्रयोग क्या सिर्फ अश्लील फिल्में देखने के लिए ही करते है?

    जवाब काफी हद तक हॉं में ही होगा। लोगों ने एक से बढ़कर एक मोबाइल फोन लिया है, इंटरनेट की गति 2जी से 3 जी और अब अंबानी की कृपा से 4 जी होने वाली है। लेकिन संचार के इन आधुनिक साधनों का प्रयोग जितना सकारात्मक नहीं हो रहा है उसे ज्यादा नकारात्मक होने लगा है। आपको मेट्रो से लेकर सड़क तक पर लोग मोबाइल फोन में उलझे हुए मिल जाएंगे लेकिन ध्यान से देखिए वह कर क्या रहे हैं या तो फेसबुक जैसे सोशल नेटवर्किंग साइटों पर प्यार की गुटर—गू चल रही है या फिर आइटम सांग से लेकर अश्लील मूवियां देखी जा रही है। ऐसे—ऐसे लोग जो कि ठीक से इंग्लिश पढ़ना भी नहीं जानते लेकिन उन्हें आप कहोंगे कि पोर्न मूर्वी देखनी है तो वह एक मिनट में 1760 वेबसाइट आपके सामने खोल देंगे। उनका ज्ञान सिर्फ इतना ही है। मोबाइल, इंटरनेट मतलब अश्लील मूवी, गाने, फिल्में बस।

    अब इन बंदरों को तो इंसान नहीं बनाया जा सकता। इसलिए सरकार को पोर्न वेबसाइट बंद करना ही एक विक्लप होना चाहिए। लेकिन यह विकल्प इंटरनेट तक न सीमित होकर इसके प्रसार करने वाले तक पर भी होना चाहिए। हालांकि जब मोबाइल, कम्प्यूटर इंटरनेट शुरु हुए थे तब भी लोगों ने इसे अपनी हवस बुझाने का हथियार बना लिया था। उस समय भी बहुत से सारे लोग पुलिस द्वारा पकड़े जाते थे जो कि घर पर सीडी द्वारा अश्लील फिल्में देखने का मजा लिया करते थे। इस तरह के बढ़ते केसों को देखकर न्यायाधीश ने कहा था कि अगर 'अश्लील फिल्में देखने पर लोग को जेल भेजने लगे तो पूरा देश ही जेल में चला जाएगा'। इसलिए अब यह अपराध नहीं रहा।

    जज साहब की इस टिप्पणी से देश के नागरिकों का चरित्र भी सामने आ जाता है.

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत सुन्दर रचना!

    बेख़ौफ़ दरिन्दे
    कुचलती मासूमियत
    शर्मशार इंसानियत
    सम्बेदन हीनता की पराकाष्टा .
    उग्र और बेचैन अभिभाबक
    एक प्रश्न चिन्ह ?
    हम सबके लिये.


    जवाब देंहटाएं
  4. बहूत ही जबरदस्त रचना........... आभार

    जवाब देंहटाएं