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मंगलवार, 27 नवंबर 2012

प्रेरणा

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दूसरों की जिंदगी रोशन करना कोई इनसे सीखें।

सोलन के गुप्ता परिवार के तीन सदस्य मरणोपरांत अपनी आंखें दान करके जरूरतमंदों की जिंदगी में उजाला कर चुके हैं। यहीं नहीं परिवार के दस अन्य सदस्य जिसमें बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक हैं, अपनी आंखें दान करने का संकल्प ले चुके हैं और और आंखें दान करने संबंधी कागजी औपचारिकताएं निभा रहे हैं। आज यह परिवार हिमाचल ही नहीं देश के लिए एक मिसाल बन गया है।

मानवता की सेव
ा का संकल्प लेने वाले गुप्ता परिवार से ताल्लुक रखने वाले सुरेन्द्र गुप्ता के अनुसार परिवार में यह पहल उनके पिता की देन है। सबसे पहले उनकी माता श्यामा गुप्ता की आंखें दान की गईं और उसके बाद चाचा प्रह्लाद भगत गुप्ता और पिछले हफ्ते उनकी चाची बंती देवी गुप्ता की आंखें उनकी इच्छानुसार दान की गई हैं।

सुरेन्द्र गुप्ता के अनुसार आंखें दान करने के इस संकल्प में उनके पिता के साथ-साथ उनके भाई, पत्नी, बच्चे और वह स्वयं भी शामिल हैं। वहीं उनके नाते रिश्तेदार भी परिवार से प्रेरणा लेकर आंखें दान करने के लिए अपनी इच्छा व्यक्त कर चुके हैं। उन्होंने इस प्रेरणा का श्रेय स्वयंसेवी संस्था आशादीप को देते हुए कहा कि संस्था से संपर्क में आने के बाद पहले जहां रक्तदान से शुरूआत की, वहीं आंखें दान करने की प्रेरणा भी वहीं से मिली।.copied
 
                                         SHIKHA KAUSHIK 

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