बस मूक हूँ .............पीड़ा का दिग्दर्शन करके
वन्दना
दर्दनाक घटना घटी, मेरा पास पड़ोस ।
दुष्टों की हरकत लटी, था *धैया में रोष ।
था *धैया में रोष, कोसते हम दुष्कर्मी ।
जेल प्रशासन ढीठ, दिखाया बेहद नरमी ।
उठे मदद को हाथ, पीडिता की खातिर अब ।
अपराधी को सजा, मिलेगी ना जाने कब ।।
*धैया ग्राम हमारे कालेज के बगल में ही है जहाँ यह घटना हुई-
uf kitna kaufnaaf hai...aise apradhiyon ko seedhe goli maar deni chahiye..
जवाब देंहटाएंmarmik .
जवाब देंहटाएंहम हिंदी चिट्ठाकार हैं