'' हुज़ूर इस नाचीज़ की गुस्ताखी माफ़ हो ''
हुज़ूर इस नाचीज़ की गुस्ताखी माफ़ हो ,
आज मुंह खोलूँगी हर गुस्ताखी माफ़ हो !
दूँगी सबूत आपको पाकीज़गी का मैं ,
पर पहले करें साबित आप पाक़-साफ़ हो !
मुझ पर लगायें बंदिशें जितनी भी आप चाहें ,
खुद पर लगाये जाने के भी ना खिलाफ हो !
हुज़ूर इस नाचीज़ की गुस्ताखी माफ़ हो ,
आज मुंह खोलूँगी हर गुस्ताखी माफ़ हो !
दूँगी सबूत आपको पाकीज़गी का मैं ,
पर पहले करें साबित आप पाक़-साफ़ हो !
मुझ पर लगायें बंदिशें जितनी भी आप चाहें ,
खुद पर लगाये जाने के भी ना खिलाफ हो !
मुझको सिखाना इल्म लियाकत का शबोरोज़ ,
पर पहले याद इसका खुद अलिफ़-काफ़ हो !
खुद को खुदा बनना 'नूतन' का छोड़ दो ,
जल्द दूर आपकी जाबिर ये जाफ़ हो !
शिखा कौशिक 'नूतन'
bhavon se bharpoor prastuti .nice
जवाब देंहटाएंबधाई आदरेया ।।
कोमल भावो की अभिवयक्ति......
जवाब देंहटाएंHARDIK AABHAR -SHALINI JI, RAVIKAR JI V SUSHMA JI .
जवाब देंहटाएंbhavapoorn rachana abhivyakti ...
जवाब देंहटाएंमुझको सिखाना इल्म लियाकत का शबोरोज़ ,
जवाब देंहटाएंपर पहले याद इसका खुद अलिफ़-काफ़ हो !
---- बहुत खूब ...सुन्दर व सटीक भाव ...