मैंने हार अभी न मानी
Kailash Sharma
Kashish - My Poetry
Kashish - My Poetry
घड़ा पाप का भर चुका, ईंधन संचित ढेर ।
देर नहीं अंधेर है, इक चिंगारी हेर ।
इक चिंगारी हेर, ढेर कर घट मंसूबे ।
होवे तभी सवेर, अभी तक क्यूँ न ऊबे ।
बची गर्भ में किन्तु, इरादा गलत बाप का ।
डुबा दूध में मार, रहा भर घड़ा पाप का ।।
बहू लायेंगे इंग्लैंड से
neel pardeep
All India Bloggers' Associationऑल इंडिया ब्लॉगर्स एसोसियेशन
बहू कहाँ से आयगी, बेमानी हैं बात |
मूल प्रश्न है बेटियां, दर्द भरे हालात |
दर्द भरे हालात, मर्द यूँ ही जी लेगा |
भूला रिश्ते नात, भला विज्ञान करेगा |
है उन्नत विज्ञान, जात मानव ना नाशे |
पुत्र पाल निज गर्भ, जरुरी बहू कहाँ से ??
All India Bloggers' Associationऑल इंडिया ब्लॉगर्स एसोसियेशन
बहू कहाँ से आयगी, बेमानी हैं बात |
मूल प्रश्न है बेटियां, दर्द भरे हालात |
दर्द भरे हालात, मर्द यूँ ही जी लेगा |
भूला रिश्ते नात, भला विज्ञान करेगा |
है उन्नत विज्ञान, जात मानव ना नाशे |
पुत्र पाल निज गर्भ, जरुरी बहू कहाँ से ??
वास्तव में चिंता का विषय है .....
जवाब देंहटाएंअसल में मानसिक परिवर्तन की जरुरत है
मानसिकता बदलने की ज़रुरत है.
जवाब देंहटाएंपहले कोग समझें तो कि वो कहाँ पर अटके हुए हैं....सब दूसरों को समझते हैं और खुद से आँख बंद करके बैठ जाते हैं....मानसिकता बदलने के लिए पहले हम खुद को बदलें...!!
जवाब देंहटाएंहै उन्नत विज्ञान, जात मानव ना नाशे |
पुत्र पाल निज गर्भ, जरुरी बहू कहाँ से ??
sach likha hai aapne .aabhar
जवाब देंहटाएंbetiyon ke liye jab swarg se sundar ghar kee aakanksha karo pahle bahu ke liye ghar me dharti ke rang to bharo.nice presentation.संघ भाजपा -मुस्लिम हितैषी :विचित्र किन्तु सत्य.
जवाब देंहटाएंबहू कहाँ से आयगी, बेमानी हैं बात |
जवाब देंहटाएंमूल प्रश्न है बेटियां, दर्द भरे हालात |
दर्द भरे हालात, मर्द यूँ ही जी लेगा |
भूला रिश्ते नात, भला विज्ञान करेगा |
है उन्नत विज्ञान, जात मानव ना नाशे |
पुत्र पाल निज गर्भ, जरुरी बहू कहाँ से ?? बिलकुल रविकर भाई एक औरत सिर्फ दूसरी औरत की मदद से अपना क्लोन पैदा कर सकती है इस प्रकार सिर्फ लडकियां ही पैदा होंगी ,मर्द बिना ,दिल सर्द बिना .इस तकनीक को कहतें हैं enucleation जिसके तहत एक महिला की काया कोशिका लेके ही क्लोन बन सकता है .सिर्फ इस काया कोशिका का केन्द्रक (न्युक्लिअस )निकाल कर बचे हुए काया कोशिका खोल में दूसरी औरत का न्युक्लिअस रखा जाएगा . बाकी काम टेस्ट ट्यूब कर देगी उचित माध्यम में एम्ब्रियो पकाने का अनंतर एम्ब्रियो रोप दिया जाएगा किसी की भी कोख में वह एक तीसरी महिला भी हो सकती है जिसका न्युक्लिअस होगा क्लोन उसका ही प्रसवित होगा ४० सप्ताह के गर्भ काल के बाद , .कृपया यहाँ भी पधारें -
गृधसी नाड़ी और टांगों का दर्द (Sciatica & Leg Pain)
गृधसी नाड़ी और टांगों का दर्द (Sciatica & Leg Pain)
सुष्मना ,पिंगला और इड़ा हमारे शरीर की तीन प्रधान नाड़ियाँ है लेकिन नसों का एक पूरा नेटवर्क है हमारी काया में इनमें से सबसे लम्बी नस को हम नाड़ी कहने का लोभ संवरण नहीं कर पा रहें हैं .यही सबसे लम्बी और बड़ी (दीर्घतमा ) नस (नाड़ी )है :गृधसी या सियाटिका .हमारी कमर के निचले भाग में पांच छोटी छोटी नसों के संधि स्थल से इसका आगाज़ होता है और इसका अंजाम पैर के अगूंठों पर जाके होता है .यानी नितम्ब के,हिप्स के , जहां जोड़ हैं वहां से चलती है यह और वाया हमारे श्रोणी क्षेत्र (Pelvis),जांघ (जंघा ) के पिछले हिस्से ,से होते हुए घुटनों पिंडलियों से होती अगूंठों तक जाती है यह अकेली नस ,तंत्रिका या नाड़ी(माफ़ कीजिए इसे नाड़ी कहने की छूट आपसे ले चुका हूँ ).
इस प्रकार गायब होती लड़कियों की कमी लडकियां ही पूरी करेंगी ,फिर ये आधी नहीं पूरी आबादी कहलाएंगी ,मर्द अपने दम्भ को समाज बे -वकूफी को कोसेगा ,पूत बगलें झांकेंगे .
जवाब देंहटाएंbahut sundar kundaliyaan kailash ji bahut khoob ......sach me badlaav bahut jaroori hai
जवाब देंहटाएंरविकर की कुछ और टिप्पणियां मूल लेख के लिंक सहित आप देख सकते हैं-
जवाब देंहटाएंdineshkidillagi.blogspot.com