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रविवार, 22 अप्रैल 2012

आज पौत्र को पालती, पहले पाली पूत-

 

समय के साथ

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ज़िंदा  है  माँ  जानता, इसका मिला सुबूत ।
आज पौत्र को पालती, पहले पाली पूत ।

पहले पाली पूत, हड्डियां घिसती जाएँ ।
करे काम निष्काम, जगत की सारी माएं ।

 किन्तु अनोखेलाल, कभी तो हो शर्मिन्दा ।
दे दे कुछ आराम, मान कर मैया ज़िंदा ।। 

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