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बुधवार, 21 दिसंबर 2011

स्त्री को एक शो-पीस बना कर प्रस्तुत करने वाले लोगों को कड़ा दंड मिलना ही चाहिए


एक खबर पढ़ी -
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''कोच्चि।। बॉलिवुड स्टार शाहरुख खान के खिलाफ महिलाओं के अश्लील चित्रण (रोकथाम) अधिनियम, 1986 के उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया है। एक शोरुम के उद्घाटन के सिलसिले में चार दिसंबर को शाहरुख ने यहां अपनी हालिया फिल्म 'रा. वन' के चर्चित गाने 'छम्मक छल्लो' पर कुछ कलाकारों के साथ डांस किया था, जिसमें उनके साथ डांस करने वाली लड़कियां बहुत कम कपड़ों में थीं।''[नवभारत टाइम्स से साभार ]


                  शाहरुख़ खान पर मामला दर्ज किया जाना उचित ही है क्योंकि ये सितारे फिल्मों में तो भारतीय संस्कृति का गुणगान करते दिखलाई देते हैं पर निजी जीवन में मर्यादाओं की धज्जियाँ व्यवसायिक हितों हेतु उड़ा देते हैं .हैरानी की बात ये है कि ये कार्यक्रम एक कपडा कम्पनी ने आयोजित किया था .कपडा कम्पनी को भी आरोपी बनाया गया है .इतनी शोहरत -दौलत कमा लेने के बाद भी शाहरुख़  जैसे सितारे क्यों नहीं ऐसे  मर्यादाहीन प्रदर्शन के लिए इंकार  करते ? शाहरुख़ खान स्वयं एक पुत्री के पिता हैं क्या वे अपनी पुत्री को  ऐसी  ही पोशाक में नचाना पसंद करेंगे ?यदि नहीं तो  अन्य लड़कियों का ऐसा शोषण क्यों करते हैं ये ?शाहरुख़ के साथ-साथ वे लड़कियां भी जिम्मेदार हैं जो ऐसे वस्त्रो को धारण  करने के लिए तैयार हो जाती हैं .ऐसे अमर्यादित प्रदर्शन को देखने वाले भी जिम्मेदार हैं .पश्चिमी संस्कृति के सकारात्मक पक्षों को ग्रहण करना अलग बात है पर नग्नता को हमारे समाज में स्वीकृति   दी  जाये  ऐसा संभव  नहीं है .सिर से पांव तक ढकी  स्त्री  तो अस्मिता की रक्षा कर नहीं पा रही ऐसे में अर्ध नग्न कर स्त्री देह का प्रयोग व्यवसायिक हितों के लिए करना क्रूरतापूर्ण अपराध है . स्त्री को एक शो-पीस बना कर प्रस्तुत करने वाले लोगों को कड़ा दंड मिलना ही चाहिए   .
                                              शिखा कौशिक 
                                 [विचारों का चबूतरा ]

8 टिप्‍पणियां:

  1. जवलंत समस्या पर अच्छी प्रस्तुती के साथ सूचना ...

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  2. aapne bilkul sahi likha hae ki mashhoor hastiyon ko is tarah ke aayojanon ko badhava nahin dena chahiye shyad tbhi hmare samaaj se aesi vikrtiyan door hon........

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  3. ---हर जगह यही होरहा है....ये सारे नाच टीवी -सिनेमा पर भी तो आरहे हैं क्यों नहीं बन्द होते....
    ---जो स्वयं नन्गी लडकियों के साथ नाच नाच कर मशहूर हुए हैं वे क्यों अपना धन्धा खराब करेंगे...सोचना तो सरकार, समाज हम सब को चाहिये कि क्यों एसे ऊल जुलूल लोगों को सेलीब्रिटी कहने लगे हैं, सिर पर बिठाने लगे हैं ...हमाम में सब नन्गे हैं....

    हर शाख पै उल्लू बैठा है.....

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  4. नग्नता और नंग ,नंगई सभी कुछ बाज़ार की शक्तियां चला रहीं हैं .नचा रहीं हैं खरीद फरोख्त कर रहीं हैं .सब कुछ तेज़ी से बदल रहा है .

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  5. ------इन महिलाओं का कोई दायित्व नहीं है क्या ..क्यों नन्गे नाच को प्रस्तुत हुईं...इन पर क्यों नही मुकदमा ठोका गया नग्नता के लिये....

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  6. भारतीय संस्कृति का हनन है,इसके लिए सभी जिम्मेदार है, इन्हे कठोर दंड का प्रावधान होना चाहिये।

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