हर नारी व्यक्तित्व महत्वपूर्ण है और प्रभावित करती है, जब तक घर की नारी प्रभावित नहीं करती क्या लाभ.... charity begins from home........
प्रिये !
प्रिये !
सूरज की महत्ता, भादों में-
धूप का अकाल पड़ने पर
सामने आती है |
इसी तरह-
तुम्हारे बिना, आज-
मन का कोना कोना गीला है ;
जैसे बरसात में,
सूरज के बिना,
कपडे गीले रह जाते हैं |
वस्तु की महत्ता का बोध, उसकी-
अनुपस्थिति से बढ़ जाता है |
इसीलिये तुम्हारी अनुपस्थिति में ,
हर बार-
तुम्हारे आकर्षण का ,
एक नया आयाम मिल जाता है |
लहरों और कूलों के आपसी सम्बन्ध में ,
अणु-कणों के आतंरिक द्वंद्व में ,
सर्वत्र संयोग व वियोग का क्रंदन है |
संयोग और वियोग,
वियोग और संयोग,
सभी में इसी का स्पंदन है,
यही जीवन है ||
bahut sundar v sateek prastuti .aabhar
जवाब देंहटाएंवस्तु की महत्ता का बोध, उसकी-
जवाब देंहटाएंअनुपस्थिति से बढ़ जाता है |
इसीलिये तुम्हारी अनुपस्थिति में ,
हर बार-
तुम्हारे आकर्षण का ,
एक नया आयाम मिल जाता है |
बहुत सुन्दर रचना ...!
bahut hi sunder prastuti ..........badhai
जवाब देंहटाएंआज आपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति चर्चा मंच पर है |
जवाब देंहटाएंThis is excellent. I come here all the time and it’s post like this that are the reason. Keep up the great writing.
जवाब देंहटाएंFrom Great talent
बहुत सुन्दर कविता नए प्रतीकों को साधती निखारती
जवाब देंहटाएंअच्छी कविता
जवाब देंहटाएंसच्ची बात।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद, वीरूभाई, निशाजी, विक्रम,अनलकी(?).राज्पूत,रविकर, शशीजी व निराला जी...
जवाब देंहटाएं---धन्य्वाद शिखाजी....आपके इस ब्लोग पर अडोब फ़्लेश प्लेयर कुछ डिस्टर्ब्ड कर रहा है...जल्दी जल्दी हेन्ग होजाता है....देखें..
Achhi kavita
जवाब देंहटाएंइसीलिये तुम्हारी अनुपस्थिति में ,
जवाब देंहटाएंहर बार-
तुम्हारे आकर्षण का ,
एक नया आयाम मिल जाता है |
बहुत सुन्दर कविता |
achhi kavita
जवाब देंहटाएंधन्यवाद राज्पूत जी, तिवारी जी व सन्गीता जी......
जवाब देंहटाएंbahut khub likh hai ma'am.
जवाब देंहटाएंhttp://dilkikashmakash.blogspot.com/
bhaiyaa kishor jee...ma'am kise kah rahe hain....vaise dhanyavaad....
जवाब देंहटाएं@ bhaiyaa kishor jee...ma'am kise kah rahe---
जवाब देंहटाएंMA'hamana ------ shy'MA
ha ha ha ha --
sadar pranaam