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शुक्रवार, 11 नवंबर 2011

11.11.11 को 11.11 बजे कुल 11 कडियों की सहायता से स्व0 अमृता प्रीतम की धरोहर को बचाने की मुहिम


इसी तरह कडी दर कडी जुडते हुये बच जायेगी स्व0 अमृता प्रीतम की धरोहर स्व0 अमृता प्रीतम जी के निवास के25 हौज खास को बचाकर उसे राष्ट्रीय धरोहर के रूप में संजोने के लिये अनेक साहित्य प्रेमियों द्वारा माननीय राष्ट्रपति भारतीय गणराज्य एवं दिल्ली सरकार से अनुरोध किया है। ऐसा विश्वास है कि इस मुहिम का असर अवश्य ही होगा । फिलहाल इस मुहिम में शामिल लोगों के प्रयासों का हाल लिंक के रूप में आप सबके साथ साझा कर रहा हूँ साथ ही यह भी उम्मीद करूँगा कि आप भी अपना अमूल्य सहयोग देकर इस मुहिम को आगे बढाते हुये महामहिम से इस प्रकरण में हस्तक्षेप का अनुरोध अवश्य करेंगें।

अमृता जी का पुराना घर जिसकी नेम प्लेट उनकी कलात्कता को दर्शाती है

1 मुहिम की शुरूआत करने के लिये हरकीरत ‘हीर’ जी के ब्लाग मुहिम का लिंक है
बिक ही गया अमृता का मकान!!!!



2 इस मुहिम के बाद महामहिम को भेजे गये पत्र की प्रति और राष्ट्रपति भारतीय गणराज्य के कार्यालय द्वारा एक सप्ताह के उपरांत कृत कार्यवाही जानने संबंधी ब्लाग कोलाहल से दूर पर इस मुहिम का लिंक है
कोलाहल से दूर
!!



अमृताजी की तस्बीरो की नुमाइश लगा बैठे ये हैं इमरोज
3 विक्षुब्ध होकर नामक ब्लाग पर
रोमेन्द्र सागरजी के द्वारा भी एक लिंक दिया गया है।!!


4 भारतीय नारी ब्लाग पर ही सुश्री शिखा कौशिक द्वारा चलायी गयी मुहिम का लिंक है!!!!



यह रही राष्ट्रपति भवन की शिकायत प्राप्ति रसीद

5 महामहिम राष्ट्रपति भारतीय गणराज्य को भेजे गये पत्र के साथ
भारतीय नारी ब्लाग पर इन पंक्तियों के लेखक द्वारा प्रारंभ की गयी मुहिम का लिंक है



6 ‘भारतीय ब्लाग समाचार’ नामक ब्लाग पर
सुश्री शिखा कौशिक द्वारा प्रारंभ की गयी मुहिम का लिंक है


और यह रही धूल धूसरित मकान की आज की सूरत
7 डेली न्यूज पत्रिका खुशबू ने अपनी पत्रिका में
अमृता जी की विरासत को बचाने के लिये चलायी गयी मुहिम का लिंक है




8 अमृता प्रीतम की याद में नामक ब्लाग पर
रंजना रंजू भाटिया जी द्वारा अमृता जी की विरासत को बचाने के लिये चलायी गयी मुहिम का लिंक है


9 अनन्या नामक ब्लाग पर सुश्री अंजू जी द्वारा भी इस मुहिम को चलाया गया है जिसका लिंक है


चित्र अंजू जी के ब्लाग से साभार


10 हिन्दी के लोकप्रिय दैनिक नवभारत टाइम्स पर भी इस संबंध में मुहिम चलायी गयी है पहले इन पंक्तियों के लेखक द्वारा चलायी गयी मुहिम का लिंकजिसका लिंक है

और अब लीजिये नवभारत टाइम्स पर सुश्री शिखा कौशिक द्वारा चलायी मुहिम का लिंक

11 कृपया एक पहल आप भी अवश्य करें महामहिम राष्ट्रपति जी का लिंक यहां है ।!!!!

कृपया एक पहल आप भी अवश्य करें महामहिम 11.11.11 को 11.11 बजे कुल 11 कडियों की सहायता से स्व0 अमृता प्रीतम की धरोहर को बचाने की मुहिम !

10 टिप्‍पणियां:

  1. bahut sarhaniya pryas....
    rashtpati bhi ek mahila hai, jarur sochengi is vishay par...dhanyavad

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  2. साहित्य हमारी धरोहर का हिस्सा होता है मगर इसे समझने के लिए संवेदनशील मन चाहिए।

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  3. सराहनीय प्रयास।
    कोशिश रंग जरूर लाएगी।
    शुभकामनाएं.....

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  4. koshish kee to gai rng laaye n laaye sarkaaren goongee behri hotin hain .....Good wishes for the same.

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  5. सरकारें गूंगी बहरी संवेदन शून्य होती है आपकी कोशिश रंग लाये ,न लाये ,यह क्या कम है आपने कोशिश की .,और दिलोजान से की .शुभ कामनाएं भाई साहब .

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  6. अशोक शुक्ला जी @ क्या सोच कर आपने ये नेक सलाह दे डाली. मैंने केवल नारी-पक्ष को रखा तो दूध ही बना डाला और आपको बताऊँ तथाकथित पुरुष जो होते हैं ऐसे बिल्ला होते हैं जिनपर हमेशा कीड़े-मकोड़े , मक्खियाँ ही भिनभिनाया करते हैं.आप भी नारी-विमर्श करके अपनी रोटी ही तो सेंकने पर लगे हुए हैं. जरा अपने अन्दर झाँका भी कीजिये.

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  7. बहुत अच्छी कोशिश है.. प्रभु कृपा से और लोगो के सक्रिय योगदान से आपकी कोशिश सफलीभूत हो.

    सार्थक प्रयास के लिए शुभकामनायें.

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  8. आदरणीया ‘वजर््य नारी स्वर’ महोदया

    मै आपकी टिप्पणी का आशय समझ नहीं पाया। कौन सी नेक सलाह?
    मेरे विचार से किसी महान लेखिका के गृहस्थल को उसकी मृत्यु के उपरांत साहित्यिक धरोहर के रूप में स्थापित करने के लिये मेरे प्रयास में आपको किस प्रकार का खोट नजर आता है?
    हांलांकि आपकी यह टिप्पणी मुझे असहज करने वाली लगी तथापि एक महान लेखिका के लिये हरकीरत हीर जी रंजना भाटिया जी आदि महिला ब्लाग लेखिकाओं नेे जिस मुहिम को आरंभ किया है मैने भी उसमें एक कदम मिलाने का प्रयास किया है।
    आपसे भी अपेक्षा करूगा कि कृपया सभी प्रकार को त्यागकर इस मुहिम में एक कदम आप भी अवश्य बढायें । आदरणीय स्व0 अमृता जी आसमान से आपके प्रयास के लिये आर्शिवाद अवश्य देंगी। शुभकामनाओं सहित।

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  9. हां अशोक जी बिल्कुल मूर्खतापूर्ण मुहिम है ...इस प्रकार तो सारा देश ही साहित्यिक धरोहर बन जायगा.....किसी साहित्य्कार की क्रितियां धरोहर हुआ करती हैं...उनके मकान नहीं ...

    ---यह उसी प्रकार की मूर्खता है जो राजघाट/ शक्ति स्थल पर सभी प्रधानमन्त्रियों के स्थल बनाकर की जारही है...इस प्रकार सारी दिल्ली कब्र्गाह बन जायगी....बन्द कीजिये ये व्यर्थ की चौंचले बाजी ....

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