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शुक्रवार, 5 अगस्त 2011

बहन का सवाल ! -एक लघु कथा


बहन  का  सवाल ! -एक लघु कथा

रजत ने गुस्से  में तमतमाते हुए घर में घुसते ही आवाज  लगाईं  -मम्मी 'सारा' कहाँ है ? मम्मी थोडा घबराई   हुई किचन से बाहर आते हुए बोली -''...............क्या हुआ  रजत ?.....चिल्ला क्यों रहा है ........सारा तो अपने कमरे में है .तुम दोनों भाई-बहन में क्या चलता रहता है भगवान ही जानें ! उसके पैर में मोच है सचिन अपनी बाइक पर छोड़कर गया है कॉलेज से यहाँ घर ....''रजत मम्मी की बात अनसुनी करते हुए सारा के कमरे की ओर बढ लिया .सारा पलंग पर बैठी हुई अपने पैर को सहला रही थी .रजत ने कमरे में घुसते ही कड़क वाणी में कहा -''.....सारा कितनी बार मना किया है कि किसी  भी लड़के की बाइक पर मत बैठा करो !तुम मुझे कॉल कर देती मैं आ जाता तुम्हे लेने .....मेरा कॉलिज दूर ही कितना है तुम्हारे कॉलिज से !आज के बाद यदि तुम्हे किसी लड़के की बाइक पर पीछे बैठा देखा तो अच्छा न होगा !...''यह कहकर आँख दिखाता हुआ रजत सारा के कमरे से चला गया .सारा के गले में एक बात अटकी ही रह गयी -''....भैया केवल आपने ही नहीं देखा था मुझे .....मैंने भी देखा था आपको सागरिका को आपकी  बाइक पर पीछे बैठाकर जाते हुए .मैंने जानबूझकर    नज़र चुरा ली थी ....मै आपको डिस्टर्ब नहीं करना चाहती   थी ......पर जब  आप अपनी बहन का  किसी और लड़के की बाइक पर बैठना पसंद  नहीं करते फिर किसी और की बहन को क्यों बैठा लेते हैं अपनी बाइक पर ?........केवल इसलिए की आप लड़के हो .....आप जो चाहो करो ....सब सही है !''
                                          शिखा कौशिक
                http://shikhapkaushik.blogspot.com/

6 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत बढ़िया..लड़के होने से सारे लाइसेंस मिल जाते हैं क्या....
    यह अमूमन सभी भाइयों में होता है, खुद दूसरों की बहनों के देखें पर उनकी बहन को कोई न देखे...पुरुष समाज में सभी की नही अधिकांश की..यही मानसिकता है...

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  2. वास्तविकता आधारित लघु कथा.hamare समाज में भी दोनों के लिए पृथक पृथक मानक हैं और आपने अपनी इस लघु कथा के माध्यम से बहुत ही खूबसूरती से उसे शब्दों में उकेरा है.आभार

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  3. बहुत बढ़िया..लड़के होने से सारे लाइसेंस मिल जाते हैं क्या....
    यह अमूमन सभी भाइयों में होता है, खुद दूसरों की बहनों के देखें पर उनकी बहन को कोई न देखे...पुरुष समाज में सभी की नही अधिकांश की..यही मानसिकता है...

    हमारी कामना है कि आप हिंदी की सेवा यूं ही करते रहें। सोमवार को
    ब्लॉगर्स मीट वीकली में आप सादर आमंत्रित हैं।
    बेहतर है कि ब्लॉगर्स मीट ब्लॉग पर आयोजित हुआ करे ताकि सारी दुनिया के कोने कोने से ब्लॉगर्स एक मंच पर जमा हो सकें और विश्व को सही दिशा देने के लिए अपने विचार आपस में साझा कर सकें। इसमें बिना किसी भेदभाव के हरेक आय और हरेक आयु के ब्लॉगर्स सम्मानपूर्वक शामिल हो सकते हैं। ब्लॉग पर आयोजित होने वाली मीट में वे ब्लॉगर्स भी आ सकती हैं / आ सकते हैं जो कि किसी वजह से अजनबियों से रू ब रू नहीं होना चाहते।

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  4. अच्छी प्रस्तुति |
    सुन्दर लघु कथा ||
    बधाई ||

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