सोमवार, 27 मई 2013

क्योंकि मैं हूँ.... नारी

शायद ,मैं फेल हो गई!!
जिंदगी के हर इम्तिहान में,
कभी कभी यह सोचकर ,
मन बहुत विचलित हुआ
क्योंकि एक शिक्षित,जागरूक महिला 
होने के बावजूद, हरेक को 
मैं अपने अनुरूप नही ढाल पाई,
जैसे एक घरेलू,अशिक्षित महिला ने कर दिखाया
मैं किसी अपने पर हुकुम तो नही चला पाई
पर मुझे खुशी है कि 
मैं अपने को उनके अनरूप ढाल पाई
मैने तय किया, 
हर गम का ,खुशी का सफ़र
उन सब अपनों के साथ
लिए हाथों में अपनों का हाथ
कभी बेटी,कभी बहन,
कभी पत्नी,कभी माँ,
कभी एक दोस्त बनकर,
कभी पास,कभी दूर रहकर
फिर क्या फ़र्क पड़ता है अगर 
मैं किसी के लिए फेल हो गई
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रविवार, 26 मई 2013

आंखों के सामने हुआ दोस्त से गैंगरेप, इंजीनियरिंग स्टूडेंट ने शादी कर अपनाया

भारतीय समाज को आज ऐसे ही युवकों की जरूरत है -

आंखों के सामने हुआ दोस्त से गैंगरेप, इंजीनियरिंग स्टूडेंट ने शादी कर अपनाया


Indian_bride : Rear view of bride and groom during a traditional Indian wedding ceremony



पटना. एक इंजीनियरिंग स्टूडेंट के सामने उसकी दोस्त का गैंगरेप भी उसके प्यार के आड़े नहीं आया। बिहार के बांका में इस युवक ने शनिवार को गैंग रेप पीड़ित अपनी दोस्त (22) से शादी कर ली। लड़की और लड़का चार दिन पहले ही मंदर पर्वत की यात्रा पर गए थे। यहां लड़का-लड़की को पीट कर तीन लोगों ने लड़की के साथ तीन घंटों तक गैंगरेप किया था। इसके बाद आरोपी युवक को घायल कर और दोनों को लूट कर फरार हो गए थे। दोनों ने इस मामले की शिकायत पुलिस से भी की थी। चार दिन बाद ही युवक ने कोर्ट मैरिज करने के बाद युवती से एक मंदिर में भी शादी कर ली। 
दोनों की शादी के दौरान दर्जनों लोग मौके पर मौजूद थे। इस शादी में समाज के सभी वर्ग के लोगों ने हिस्सा लिया जिसमें सामाजिक कार्यकर्ता और पुलिस के कई अधिकारी भी शामिल हुए। लोगों का कहना है कि इन दोनों की शादी कराने में रिश्तेदारों और गांव वालों की भी अहम भूमिका रही। शादी के बाद युवक ने कहा कि उसे शादी का फैसला करने में कोई परेशानी नहीं हुई। शादी में दोनों के परिजन भी मौजूद रहे। 
इस हफ्ते की शुरुआत में पीड़िता अपने दोस्त के साथ बांका जिले में एक पहाड़ की यात्रा पर गई थी। इन्होंने चरवाहों के एक दल से रास्ते के बारे में पूछा था। इसके बादे चरवाहों ने इन्हें गलत रास्ता बता कर बंधक बना लिया था। इसके बाद तीन लोगों ने लड़की के साथ गैंग रेप किया। जिला पुलिस के अधिकारी धीरेंद्र कुमार ने कहा कि दो लोग बंधक बनाए हुए थे और तीन चरवाहे रेप कर रहे थे।

शनिवार, 25 मई 2013

मिला ऊँचा रुतबा मर्द को औरत से

Indian_bride : Elegant Bengali bride arranging veil looking down, isolated Stock Photo

सख्त लहज़े में कहा शौहर ने बीवी से देखो लियाकत में तुम्हे रहना होगा ,
तुम्हारी हद है मेरे मकान की चौखट अब इसी हद में तुम्हे रहना होगा !

मिला  ऊँचा रुतबा मर्द को औरत से बात दीनी ही नहीं दुनियावी भी ,
मुझको मालिक खुद को समझना बांदी झुककर मेरे आगे तुम्हे रहना होगा !

है मुझे हक मैं करूं शौक पूरे अपने तुम्हे बस फ़र्ज़ ही निभाने हैं ,
ज़ुल्म न कहना  ये ही होता आया  इन्ही पाबंदियों में तुम्हे रहना होगा !

नीची आवाज़ में करनी होगी बातें नज़रें झुकाकर सामने आना ,
शरीक-ए-हयात का दर्ज़ा अगर पाना है कुर्बान खुद को करके तुम्हे रहना होगा !

बेग़म मुझे बेपर्दगी से है नफरत ढककर रखना खुद को ज़माने से ,
बिना मेरे वजूद न  तेरा जान लो 'नूतन' हकीकत में तुम्हे रहना होगा !

शिखा कौशिक 'नूतन'

शुक्रवार, 24 मई 2013

भारतीय नारी - ब्लॉग प्रतियोगिता -२ प्रविष्टि -6 [सुश्री शशि पुरवार ]

भारतीय नारी - ब्लॉग प्रतियोगिता -  प्रविष्टि -6 [सुश्री शशि पुरवार ]
Indira Gandhi

भारतीय नारी के बारे में क्या लिखूं , बस यही कि उससे बेहतर और कौन हो सकता है , परिवार का स्तम्भ , एक ऐसी परिधि जिसके चारो  ओर हमारी दुनिया घुमती है , भारतीय नारी के कंधो पर इतनी सारी  जिम्मेदारी होती है जिसे वह हँसते हुए सफलता पूर्वक निभाती है . बचपन से ही मै एक ऐसी नारी बनना चाहती थी जो शसक्त हो , आत्मविश्वास से लबरेज ,जिसकी आभा उसके चहरे से दिखे . हर नारी में यह गुण होता है , कोई उसे निखार  लेता है , तो कोई जीवन को बोझ समझ कर ढोता है , मुझे शसक्त नारियों ने बेहद प्रभावित किया .

बचपन में जब कक्षा में थी तब इंदिरा गाँधी को कार्य करते हुए देखा , उनके बचपन के बारे में पढ़ा , देश की कमान जिस तरह उन्होंने संभाली थी वह काबिले तारीफ थी , सौम्य रूप सादा सरल व्यक्तिव .....नजर बस ठहर ही जाये , जिस  समय जब  में पुरुष प्रधानता ज्यादा थी , उस समय इंदिरा गाँधी शीर्ष पर थी .और अपने कार्य के प्रति कर्मठ .

 
बस एक चाहत थी जीवन में कुछ करने की और वही सौम्यता जीवन में उतारने  की ......  यह कहना गलत होगा भारतीय नारी किसी से कम नहीं जो चाहे वह कर सकती है , बस जरूरत है पूर्ण आत्मविश्वास की जो स्वयं के लिए भो होना आवश्यक है . आज की नारी ने हर क्षेत्र में अपनी पताका लहराई है , आज पुरुष के कंधे से कन्धा मिलाकर नारी ने हर वो कार्य कर सकती है जहाँ पुरुषो का वर्चस्व था , अब नारी ने भी स्थान बनाया है .
शशि पुरवार 
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परिचय ...
 
नाम  ---   शशि पुरवार 
जन्म तिथि    ----     २२ जून
जन्म  स्थान   ---     इंदौर ( . प्र.)
शिक्षा ----   स्नातक उपाधि ---- ,बी. एस  सी ( विज्ञानं )
              
स्नातकोत्तर उपाधि -    एम .  ( राजनीती शास्त्र )
                   (
देविअहिल्या विश्विधालय  ,इंदौर )
    
हानर्स  डिप्लोमा इन कंप्यूटर  साफ्टवेयर ( तीन साल का )

कार्यक्षेत्र -    मेडिकल  रिप्रेजेंटेटिव के रूप में सफलता पुर्वक कार्य  का अनुभव लिया . 
भाषा ज्ञान - हिंदी अंग्रेजी ,मराठी 
प्रकाशन  ------ कई समाचार पत्रों और पत्रिकाओ राष्ट्रीय पत्रिका में रचनाए  ,लेख , लघुकथाकविता का  प्रकाशन होता रहता हैदैनिक भास्कर , बाबूजी का भारत मित्र , समाज कल्याण पत्रिका , हिमप्रस्थ , साहित्य दस्तक , लोकमत , नारी जाग्रति ........आदि .अनगिनत पत्र   पत्रिकाओ में प्रकाशन .
        
अंतर्जाल पर कई पत्रिकाओ में नियमित प्रकाशन होता है . हिंदी हाइकु  , अनुभूति , त्रिवेणी , कविमन ,परिकल्पना , सहज साहित्य   एवं अन्य पत्रिकाएं 

  "
नारी विमर्श के अर्थ "-- साँझा संकलन प्रकाशित 
"
उजास साथ रखना  "- साँझा संकलन , शीघ्र प्रकाश्य 

लेखन  विधाए   पहचान --------  बचपन से ही साहित्य के प्रति रुझान रहा है .प्रथम कविता 13 वर्ष की उम्र में लिखी ,प्रथम रचना लिखने के बाद जो अनुभूति हुई  उसने कलम को जीवन का अभीन्न अंग बना लिया . विचार और संवेदनाए  शब्दों के माध्यम से पन्नो पर जीवन के अलग अलग रंग बिखरने लगे .साहित्यिक विरासत माँ ( श्री मति मंजुला गुप्ता) से मिली . जीवन भर विद्यार्थी रहना ही पसंद है . रचनात्मकता और कार्य शीलता ही पहचान है . लेखन करने का एकमात्र यही उदेश्य है कि समाज के लिए कुछ कर सकूं , एक दिशा प्रदान कर सकूं .कहानी , कविता , लघुकथा , काव्य की अलग अलग विधाए , गीत , दोहे , कुण्डलियाँ ,  गजल ,छन्दमुक्त, तांका , चोका ,माहिया  और लेखों के माध्यम से जीवन के बिभिन्न रंगों को उकेरना पसंद है 
कविता दिल आत्मा से निकली हुई आवाज होती है ,एवं शशि का अर्थ  है चाँद तो चाँद की तरह शीतलता बिखेरने का नाम है जिंदगी .


संपर्क ----   
email -  shashipurwar@gmail.com
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