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शुक्रवार, 6 मई 2016

बहु और बेटी

यूँ ही दिल से
(डाँ नीलम महेंद्र)
बहु और बेटी
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माँ तो माँ होती है,माँ की ममता का इस धरती पर कोई मोल नहीं,वह तो अनमोल होती है।यह केवल शब्द नहीं अपितु हम सभी ने इन पलों को जिया है।माँ की गोद में बैठकर खुद को सबसे ज्यादा महफूज महसूस किया है।
पर माँ बनने से पहले वो एक औरत होती है।
शेखस्पीयर ने कहा था कि "दुनिया एक रंगमंच है और हम सब यहाँ किरदार हैं।"
इस सत्य को स्त्री जाति ने बखूबी समझा और जिया है।पुरुष तो जीवन के हर दौर में पुरुष ही होते हैं किन्तु स्त्री अपनी जीवन यात्रा में कई किरदारों को जीवंत करती है--बेटी, बहु ,पत्नी, बहन ,ननद माँ, भाभी, हर किरदार का अनूठा अंदाज़!अपने आप में कितने ही रंगों के इन्द्रधनुष के रंगों में रंगी!
हर किरदार का अलग चेहरा! और इतने किरदार निभाते निभाते वह स्वयं भूल जाती है कि वह वास्तव में कौन है,क्या है? जब भी कोई दुविधाजनक स्थिति आती है और उसे याद नहीं आता कि वह क्या है तो सारे किरदार पर्दे के पीछे चले जाते हैं और सामने आती है --औरत,स्त्री,नारी! आखिर यही तो है वह!अब न वह बेटी है न बहु है न भाभी है न ननद है,उसे हम शक्ति का रूप कह सकते हैं।बेटी की माँ हमेशा माँ ही रहती है लेकिन बेटे की माँ तभी तक माँ रह पाती है जब तक बहु नहीं आ जाती।
असल में स्त्री की ममता रक्त संबंधों की सीमा के भीतर ही रिश्तों के बन्धन को स्वीकार करती है।बेटी,माँ, बहन, ये रिश्ते ऐसे होते हैं जहाँ रक्त के बन्धन से प्रेम का बन्धन पिरोया गया होता है।
बहु, ननद, भाभी ये चूंकि रक्त के बन्धन से आजाद होते हैं तो इनमें स्त्री को दूसरी स्त्री ही नज़र आती है और उससे प्रतिस्पर्धा करने लगती है।
ये स्त्री का नैसर्गिक गुण है इसीलिए बहु के घर में प्रवेश करते ही बेटे की ममता का मुकाबला बहु नामक एक अन्य स्त्री से होने लगता है यह स्त्री के व्यक्तित्व व उसकी सोच और प्राथमिकताओं पर निर्भर करता है कि विजय माँ की होगी या स्त्री की!
अधिकतर भारतीय समाज में माँ के ऊपर स्त्री की ही विजय होती है जिसके परिणामस्वरूप सास और बहु का रिश्ता प्रेम का न होकर प्रतिस्पर्धी का होता है।
किन्तु जहाँ स्त्री के ऊपर माँ विजयी हो कर निकलती है ,वह घर धरती पर स्वर्ग बनकर संपूर्ण समाज के लिए मिसाल बन जाता है।
@डॅा नीलम महेंद्र

4 टिप्‍पणियां:

  1. "जहाँ स्त्री के ऊपर माँ विजयी हो कर निकलती है ,वह घर धरती पर स्वर्ग बनकर संपूर्ण समाज के लिए मिसाल बन जाता है"

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  2. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" रविवार 08 मई 2016 को लिंक की जाएगी............... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ....धन्यवाद!

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