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शुक्रवार, 10 अक्टूबर 2014

रंग-ए-जिंदगानी: नज़ारे ठहर जाते हैं

रंग-ए-जिंदगानी: नज़ारे ठहर जाते हैं: नजारे ठहर जाते हैं,जमाने ठहर जाते हैं। मेरे यार के आने पर दिवाने ठहर जाते हैं। वो देख ले किसी को एक नजर मदहोश महखाने ठहर जाते...

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