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शुक्रवार, 31 जनवरी 2014

कोई खास बात नहीं -लघु कथा

''अरे जाग गए आप ...आज के अखबार में तो आप छाये हुए हैं ...आपको पार्टी ने इस लोकसभा से अपना उम्मीदवार जो बनाया है ..अखबार में पूरे पन्ने पर आपसे सम्बंधित खबरे छपी हैं और ...आपका फोटो भी प्रकाशित हुआ है ...अब उठिए भी ..'' नेहा ने अपने पतिदेव से उत्साहित होते हुए कहा .पतिदेव ऊंघते हुए बोले -''अरे भाई पहले एक कप चाय तो पिलाओ ...दिन बना दिया तुमने तो मेरा !'' पतिदेव के ये कहते ही नेहा दोगुने उत्साह के साथ अख़बार बैड पर पतिदेव के सिरहाने रख चाय बनाने चली गयी . इधर पतिदेव ने लेटे-लेटे ही अखबार उठाया और अपनी खबर व् फोटो देखकर हर्षित हो उठे तभी उन्हें याद आया कि पिछले वर्ष जब नेहा को सर्वश्रेष्ठ साहित्य्कार का सम्मान मिलने की खबर अख़बार में छपी थी तब अख़बार पहले उनके ही हाथ में आया था और वे अपनी पत्नी की बढ़ती लोकप्रियता व् सामाजिक सम्मान से चिढ गए थे .उन्होंने पूरा अखबार देखकर ये कहते हुए एक ओर रख दिया था कि ''आज अखबार में कुछ भी खास नहीं है !''
शिखा कौशिक 'नूतन'

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