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गुरुवार, 3 अक्टूबर 2013

जीवन: एक संघर्ष (LiFe :A StRuGgLe) : दास्तां-ए-सिगरेट by श्रवण शुक्ल

जीवन: एक संघर्ष (LiFe :A StRuGgLe) : दास्तां-ए-सिगरेट by श्रवण शुक्ल: ((C) Copyright   @  श्रवण शुक्ल

सिगरेट की दास्तां है अजीब! 
डिब्बी से निकली
माचिस की तिल्ली के साथ होंठों पर
फिर खत्म होते ही पैरों तले!

क्या अजीब है 
दास्तां-ए-सिगरेट!
जलते हुए फेफड़ों में
फिर दिल तक पहुंचता है
वही जो शरीर का कर्ता-धर्ता है
फिर आगे का तो है ही पता..!!

दिल से हवा में.
फिर होंठे से फेफड़े 
और फिर दिल तक!

कई दफे
यह दुष्चक्र
फिर दूसरी या चौथी बार में
फेफड़ों से दिल और फिर मष्तिष्क!..........  for more please log on to जीवन: एक संघर्ष (LiFe :A StRuGgLe) : दास्तां-ए-सिगरेट by श्रवण शुक्ल: ((C) Copyright   @  श्रवण शुक्ल) 

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