पेज

मंगलवार, 16 जुलाई 2013

बेटियाँ

10 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत ही सुंदर संदेश देती रचना, शुभकामनाएं.

    रामराम.

    जवाब देंहटाएं
  2. सही व उत्तम बात है ..
    ----परन्तु प्रश्न है कि क्या बेटों से मन हर्षित नहीं होता... सिर्फ बेटियों के गुणगान से हम नारी-पुरुष में, लडके-लड़कियों में असमंजसता, असमानता व वैमनस्यता के नवीन बीज नहीं बो रहे..समाज के लिए आगे एक अंध-कूप नहीं तैयार कर रहे .....यह सब अब बंद होना चाहिए ... मानवता व सदाचरण के गुणगान की आवश्यकता है...

    जवाब देंहटाएं
  3. बेहद सुन्दर प्रस्तुतीकरण ....!!
    आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा आज बुधवार (17-07-2013) को में” उफ़ ये बारिश और पुरसूकून जिंदगी ..........बुधवारीय चर्चा १३७५ !! चर्चा मंच पर भी होगी!
    सादर...!

    जवाब देंहटाएं
  4. बेटियां ना हो तो संसार से सुख, सोंदर्य ,ममता, कोमलता, कविता सब समाप्त समझो और ये सब ना हो तो संसार कहां बचेगा .

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत प्‍यारी होती हैं बेटि‍यां...

    जवाब देंहटाएं