do not copy |
तोल तराजू इस दुनिया में औरत बेचीं जाती है ,
आग लगे सारी दुनिया में औरत बेचीजाती है !
गोरी- काली,लंगड़ी -लूली ,लम्बी- छोटी कैसी भी ,
तय कीमत पर बाज़ारों में औरत बेची जाती है !
हाय गरीबी तेरे कारण बापों ने बेची बिटिया ,
उस ही घर में जलता चूल्हा जिसमे औरत बेची जाती है !
नेता अभिनेता व्यापारी सब को होता सप्लाई ,
माल बनाकर कोठी बंगलों में औरत बेची जाती है !
डूब मरे 'नूतन' चुल्लू भर पानी में वे मर्द सभी ,
जिनके रहते इस दुनिया में औरत बेची जाती है !
शिखा कौशिक 'नूतन'
very true .
जवाब देंहटाएंमर्द इतने शर्मदार कहाँ रहें जो डूब मरें, उन्हीं के लिये तो होता है सब !
जवाब देंहटाएंऔरत को स्वयं बिकने से मना करना होगा...
जवाब देंहटाएंहर पंक्ति खुद में अर्थ समेटे है.......
जवाब देंहटाएंसही कहा लेकिन औरत को खुद भी बेचने से इंकार करना होगा..
जवाब देंहटाएंसही कहा लेकिन औरत को खुद भी बेचने से इंकार करना होगा..
जवाब देंहटाएंऔरत बाजार बना हुआ है और कोई दूसरा नहीं खुद औरत नें ही अपने को बाजार बनाया है !!
जवाब देंहटाएंकडुवी पर सच ...
जवाब देंहटाएंशर्म की बात है ये समाज के लिए ...
@ IS THIS POSSIBLE SHAYAM JI ?
जवाब देंहटाएंसच्चाई का आईना दिखाती पोस्ट...
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