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शनिवार, 22 जून 2013

आपदा प्रबंधन और केदारनाथ त्रासदी ...डा श्याम गुप्त ...

            हमें व हमारे मीडिया को अपने देश एवं देश की हर व्यवस्था में कमी देखने की आदत सी होगई है | पढ़े लिखे जन भी प्रायः अन्यअमेरिका आदि जैसे देशों से तुलना करके अपने देश की कमी निकालते रहते हैं| अब इतने बड़े देश में प्रत्येक प्रवंधन में समय तो लगता ही है, कमियां भी रहेंगी ही परन्तु उन्हें गुणात्मक सोच से देखा जाना चाहिए |
 
          अभी हाल में ही अमेरिका में आयी एक बाढ़ में आपदा प्रबंधन द्वारा पूरी ताकत झोंक दी गयी थी और सिर्फ तीन लोगों को बचाने में सफलता की कहानी उनके मीडिया पर बार बार दिखाई जाती रही ..भारतीय मीडिया ने भी उनके इस तथाकथित शाबासी वाले कार्य की बार बार रिपोर्टिंग की गोया कोई बहुत बड़ा कार्य किया जा रहा हो ...परन्तु अपने यहाँ की इतनी बड़ी त्रासदी की आपदा प्रबंधन में सफलताओं की कहानियीं की कथाओं में भी कमियाँ ही कमियाँ प्रदर्शित की जाती रहीं हैं | यदि सेना ने कार्य संभाला हुआ है तो प्रदेश सरकार ने क्या किया, स्थानीय प्रशासन ने क्या किया, केंद्र क्या कर रहा है ...जैसी व्यर्थ की आलोचनाओं का मुख खुला हुआ है बजाय इसके कि इतने बड़े हादसे को अच्छी प्रकार संभालने के प्रयत्नों की प्रशंसा की जाती | सेना भी तो राज्य  सरकार व प्रशासन के तालमेल से ही कार्य करती है |
 
         हम कब स्वयं पर विश्वास करना सीखेंगे|
 
  

3 टिप्‍पणियां:

  1. डॉ.श्याम जी आपकी ये पोस्ट तो सभी ब्लोगर्स को अवश्य पढनी चाहिए क्योंकि ये हम सभी का इस स्थिति में क्या नजरिया व् क्या कर्तव्य है स्पष्ट करती है . आभार गरजकर ऐसे आदिल ने ,हमें गुस्सा दिखाया है . आप भी जानें संपत्ति का अधिकार -४.नारी ब्लोगर्स के लिए एक नयी शुरुआत आप भी जुड़ें WOMAN ABOUT MAN

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  2. धन्यवाद शिखा जी, शालिनी एवं इंडिया ...यह दर्पण है हमारा ...

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