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वॉशिंगटन ।। अमेरिकी सेनेट के रिपब्लिकन उम्मीदवार रिचर्ड मर्डोक ने अपने एक कॉमेंट के जरिए रेप को भगवान की इच्छा से जोड़कर हंगामा खड़ा कर दिया है। इस सेनेटर का कहना है कि रेप के चलते अगर कोई महिला प्रेगनेंट हो जाती है तब भी अबॉर्शन की इजाजत नहीं होनी चाहिए क्यों कि ऐसा भगवान की इच्छा के बगैर नहीं हो सकता।
गौरतलब है कि अमेरिकी सेनेट के सदस्य का यह बयान ऐसे समय आया है जब राष्ट्रपति चुनाव अभियान अपने अंतिम दौर में है। रिचर्ड के इन बयानों की डेमोक्रेटों ने तुरंत निंदा की। इस चुनाव अभियान में महिला मतदाताओं को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। ऐसे में इस बात के तगड़े आसार दिख रहे हैं कि अमेरिकी चुनाव का एक बड़ा मुद्दा रिचर्ड का यह बयान भी बन जाएगा।
सेनेट में डिबेट के दौरान मंगलवार को रिचर्ड ने कहा कि वह मानते हैं प्रेग्नेंसी से जिंदगी की शुरुआत होती है और मां के जीवन को खतरे की स्थिति को छोड़कर बाकी हर स्थिति में वह गर्भपात के खिलाफ हैं। रिचर्ड ने कहा, 'मैं एक लंबे समय से अपने आप से संघर्ष करता रहा हूं, लेकिन अब मैंनें महसूस किया है कि जीवन तो ईश्वर का तोहफा है। मुझे लगता है कि जब जीवन की शुरुआत बलात्कार जैसी भयावह घटना से होती है तो भी यह ईश्वर की इच्छा है।'
डॉ शिखा कौशिक 'नूतन'
नारी का तो जीवन ही इस विश्व की नज़रों में भगवान की इच्छा पर है इसलिए ऐसे में इन महोदय का ये कहना कोई ज्यादा आश्चर्य की बात नहीं है .ऐसे में आश्चर्य तो तभी किया जा सकता है जब भगवान प्रकृति के नियमों को पलट कर माँ बनने का गुण पुरुषों को दे तभी शायद इन बलात्कार की घटनाओं पर भी रोक लग सकेगी.
जवाब देंहटाएंgambhir subject per netawani. inki beti ke saath ho to bhi yahi kahenge
जवाब देंहटाएंअच्छा लेख |आशा
जवाब देंहटाएंफिर तो बलात्कार भी ईश्वरीय इच्छा ही मानते होंगे ये नेता जी
जवाब देंहटाएंhad hai ,iseese saabit hota hai ki maansikta ka antar viksit aviksit se nahin padta. Soch raha hoon ki kya pehle kee kabeeelaayee vyavastha jyada sabhya nahin thi jo apnee mahilaaon ke liye samarpit the
जवाब देंहटाएंsamjh nahi aata aise bayan de kar ye log sabit kya karna chahte hain..vishv vapas 16 ve sadi me kyon ja raha hai??
जवाब देंहटाएंनिश्चित रूप से इस तरह के बयान यह साबित करते हैं कि आज भी पुरुष की सोच कबीलाई संस्कृति से ऊपर नहीं उठी है .आप सभी ने एक मत से इसकी निंदा कि है ..यह स्वागत योग्य है .
जवाब देंहटाएंhar kaam ke liye ishvar kee marji kah kar purush apana palla nahin jhad sakta hai . rep aap karen aur aurat ke garbhvati hone ke liye ishvar kee marji . agar isi aparadh men purush ka sir uda diya jaay to vah bhi ishvar kee marji kahi jaayegi. usa aurat kee trasdi ko bhi aap ishvar kee marji ka naam denge. apani vibhatsa kriyaon ko jaayad thaharane ka ek achchha kadam hai. aise logon ko ek samvedansheel insaan tak nahin kaha ja sakata hai. amerika bahut pragatisheel hai lekin soch men vah ..................
जवाब देंहटाएंईश्वर की इच्छा के biना तो एक तिनका भी नईं हिलता जी वलात्कार भी तो ईश्वर की इच्छा से ही होता होगा ....
जवाब देंहटाएं'दैत्य' के हाथों हुआ,'न्याय'आज निष्प्राण |
जवाब देंहटाएं'सही अर्थ',भगवान' के, क्या जाने 'शैतान'!!
क्या जाने 'शैतान','उचित-अनुचित' का मतलब !
'इनका जत्था'बना आज,है 'पैशाचिक-क्लब'||
'विकास के लेबिल' में पनपे 'पशु के जैसे कृत्य'|
खा जाएगा 'अखिल मनुजता'यह 'कामुकता-दैत्य' ||