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सोमवार, 17 सितंबर 2012

'चित्र से काव्य तक' प्रतियोगिता अंक -१८ में भाग लें


'चित्र से काव्य तक' प्रतियोगिता अंक -१८ 



"[चौपाई  छंद  ]

 कन्या करों में कलम सुहाती * बात समझ ये क्यूँ ना  आती !
 मन में अज्ञान मैल समाया  * ज्ञान झाड़ू से हो सफाया  !!"

 शिक्षित कन्या कुल मान बढाती * नई पीढ़ी  शिक्षित हो जाती !
 इससे   झाड़ू मत लगवाओ  * कागज कलम इसे पकडाओ  !!"

                                               SHIKHA KAUSHIK 

10 टिप्‍पणियां:

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  2. चौपाई....
    जिसका जैसा भाग्य लिखाहै,वही कर्म का लेखदिखाहै|
    कन्या-पुत्र न कोई अंतर,झाडू हो या कलम तदन्तर |

    ---कवित्त छंद...
    "तेरे करने से कुछ होता नहीं कार्य यहाँ,
    अप शुभ कर्म न्याय रीति-नीति कीजिये |
    होता जिस जातक का जैसा भाग्येश यथा,
    होता वही, आप झाडू या कलम दीजिए |
    पर होता माता-पिता का भी कुछ धर्म'श्याम,
    आप भी संतान हित, निज कर्म कीजिये |
    कन्या और पुत्र में न कीजै कोई भेद-भाव,
    दोनों को समान-भाव पाल-पोस लीजिए ||

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  3. kya aapne dono ''OPEN BOOK ''par dal diye hain yadi nahi to jaroor dal den .

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  4. शिक्षित कन्या कुल मान बढाती * नई पीढ़ी शिक्षित हो जाती !
    इससे झाड़ू मत लगवाओ * कागज कलम इसे पकडाओ !!"

    मनमोहन को ये समझाओ ,कन्या -कर में कलम सुहाती ,

    सबका भाग्य सोनिया जी की तरह विकसित नहीं है जो बारवीं पास होके मोहना मन से पानी भरवा रहीं हैं .

    जवाब देंहटाएं

  5. शिक्षित कन्या कुल मान बढाती * नई पीढ़ी शिक्षित हो जाती !
    इससे झाड़ू मत लगवाओ * कागज कलम इसे पकडाओ !!"

    मनमोहन को ये समझाओ ,कन्या -कर में कलम सुहाती ,

    सबका भाग्य सोनिया जी की तरह विकसित नहीं है जो बारवीं पास होके मोहना मन से पानी भरवा रहीं हैं .

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