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रविवार, 26 अगस्त 2012

सुरक्षा नारी की

सुरक्षा नारी की

इंसान नहीं कोई वस्तु है वो
किसी भी सामान से बहुत सस्ती है वो
कैसे भी किसी ने भी उसका उपयोग किया
जिसने चाहा जब चाहा उसको बेइज्जत किया
बेइज्जत होकर भी अपना ही चेहरा छुपाती है वो   

अपनों से भी सहानुभूति की जगह दुत्कारी जाती है वो
कोई और अपराध में अपराधी अपना मुंह छुपाता है
ये ऐसा अपराध है इसमें सहनेवाला ही अपना सिर झुकाता है
आज नई सदी में नारी कहीं भी सुरक्षित नहीं है
उसकी इज्जत की कोई कीमत नहीं हैं

छोटी बच्ची हो या बूढी औरत सबको हवश के 
शिकार बना रहे हैं 
पुरुष इंसान नहीं वासना के पुजारी बन हैवान हो रहे हैं  
जिस देश में बच्चियों और औरत को देवी का दर्जा दिया जाता है   

उसी देश में उनके साथ इतना घ्रणित कर्म किया जाता है 
उनके कपडे ,पहनावे ,रहन -सहन को दोष दे रहे हैं 
अपनी गन्दी मानसिक सोच को नहीं बदल रहे हैं    

कोई सरकार कोई कानून इस जुर्म को नहीं रोक पा रहा है 
दिन -प्रतिदिन ये घ्रणित जुर्म बढ़ता जा रहा है 
हम औरतों को ही एकजूट होकर इसके खिलाफ लड़ना होगा 
और अपने को इस शारीरिक और  मानसिक यंत्रणा से बचाना होगा 

कुछ आदमी अपनी ताकत का नाजायज फायदा उठा रहे हैं  
औरतें भी इंसान हैं ये समझ नहीं पा रहे हैं 

जिस दिन औरत ने सच मे दुर्गा माँ का रूप रखा 
एक भी राक्षस इस धरती पर नहीं बच पायेगा 
पापियों अपने पापों को इतना मत बढाओ 
उसके सोये हुए कोप को मत जगाओ 
नहीं तो इस दुनिया का हो जाएगा नाश 

हर तरफ होगा सिर्फ विनाश ही विनाश

13 टिप्‍पणियां:


  1. जिस दिन औरत ने सच मे दुर्गा माँ का रूप रखा
    एक भी राक्षस इस धरती पर नहीं बच पायेगा
    पापियों अपने पापों को इतना मत बढाओ
    उसके सोये हुए कोप को मत जगाओ
    नहीं तो इस दुनिया का हो जाएगा नाश

    हर तरफ होगा सिर्फ विनाश ही विनाश
    रणभेरी है इस रचना में आवाहन है आत्म सुरक्षा का चेतावनी है सामयिक ,किसी को तो शुरु आत करनी होगी वरना आधी दुनिया यूं ही रोंधी जाती रहेगी .कृपया यहाँ भी पधारें -
    ram ram bhai
    सोमवार, 27 अगस्त 2012
    अतिशय रीढ़ वक्रता (Scoliosis) का भी समाधान है काइरोप्रेक्टिक चिकित्सा प्रणाली में

    जवाब देंहटाएं
  2. औरतोँ को भी एकजुट होकर लड़ना होगा.... ।
    एक संदेशपूर्ण रचना हेतु बधाई ।

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  3. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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  4. बहुत सही कहा अपने जब तक नारी स्वं को नहीं जागृत करेगी तब तक ऐसा ही चलता रहेगा , किसी ने ठीक ही कहा है - जो अपनी सुरक्छा स्वं नहीं कर सकता ! उसकी रक्छा परमात्मा भी नहीं करते ! इसी विषय पर मेरी पोस्ट अबला कौन जरुर पढिये !
    धन्यवाद !
    http://yayavar420.blogspot.in/2012/07/blog-post_21.html

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  5. सचमुच बहुत चिंता जनक विषय है।

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  6. आज 28/08/2012 को आपकी यह पोस्ट (दीप्ति शर्मा जी की प्रस्तुति मे ) http://nayi-purani-halchal.blogspot.com पर पर लिंक की गयी हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .धन्यवाद!

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  7. नारी तुम सबला हो ..... नारी पर अत्याचार करने वाला पुरुष मानसिक कुंठा से ग्रस्त है ।

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  8. आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद की अप सबने मेरी रचना को पसंद किया और इतने अच्छे सन्देश दिए /आप सबका आशीर्वाद इसी तरह हमेशा हमारी रचनाओं को मिलता रहे यही कामना है /आभार /

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  9. "आज नई सदी में नारी कहीं भी सुरक्षित नहीं है
    उसकी इज्जत की कोई कीमत नहीं हैं"
    ---कथ्य तो एक दम सत्य है ही ...परन्तु सोचने की बात है कि आज के इतने उन्नत युग में भी यह सब क्यों नहीं नियमित होपारहा है..???
    --- वस्तुतः यह स्त्री-पुरुष का मामला या विषय है ही नहीं ... न स्त्री-अत्याचार का ...वास्तव में तो यह ..अनैतिकता का मामला है जिसका किसी भी भौतिक प्रगति नियमन नहीं अपितु भौतिक प्रगति के साथ ये अनाचार बढ़ते ही हैं ...
    ---- जब तक स्त्री, पुरुष , समाज , व शासन सभी नैतिकता, आचरण व आचार पर सुदृढ़ नहीं होंगे ...इसे ही चलता रहेगा ...हम कविता--कहानी चाहे जितना कह लें ...

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