मित्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें !
मित्रता एक वरदान !
मित्रता एक वरदान !
मित्रता का भाव मानव के लिए वरदान है ;
जो नहीं ये जानता वो मूर्ख है ;नादान है .
देखकर दुःख मित्र का जिसका ह्रदय होता विकल ;
त्याग देता मित्र हित पल में सदा जो सुख सकल ,
है वही सच्चा सखा धरती पे वो भगवान है .
मित्रता का भाव ..................................
पाप करने से सदा मित्र को है रोकता ;
हर त्रुटि पर ज्येष्ठ भ्राता सम उसे है टोकता ,
मित्र ही सच्चा हितैषी -सुग्रीव के श्री राम हैं .
मित्रता का भाव ............................
जो निराशा के समय प्रफुल्ल कर देता ह्रदय ;
छीन कर चिंता सभी जो मित्र को करता अभय ,
निर्मल ह्रदय से युक्त मित्र पुण्य पावन धाम है .
मित्रता का भाव ..........................
दौड़कर आ जाता है कृष्णा की एक पुकार पर ;
सारथी बनकर सिखाता -''शत्रु का संहार कर '',
जो सुदामा को भी देता आगे बढ सम्मान है .
मित्रता का भाव .................................
जो नराधम को बना देता नरों में श्रेष्ठ है ;
मित्र का कल्याण हो इस हेतु ही सचेष्ट है ,
मित्र की रक्षार्थ उत्सर्ग करता प्राण है .
मित्रता का भाव ...................................
जात-पात;ऊँच-नीच -वो कभी न मानता ;
मित्र को बस मित्र के ही रूप में पहचानता ,
मित्र मित्र है ;न वो निर्धन न वो धनवान है .
मित्रता का भाव ......................................
मित्र के उत्कर्ष पर जिसका है सीना फूलता ;
मित्र के सुख देखकर मन ख़ुशी से झूमता ,
मित्रता में द्वेष का होता नहीं स्थान है .
मित्रता का भाव ................................
जो विपत्ति में फंसे मित्र को न भूलता ;
मित्र हित की शाख पर जिस का ह्रदय है झूलता ,
दुःख की घड़ी में साथ देना मित्र की पहचान है .
मित्रता का भाव ..............................
शिखा कौशिक
बहुत ही बेहतरीन और प्रशंसनीय प्रस्तुति....
जवाब देंहटाएंइंडिया दर्पण पर भी पधारेँ।
बहुत शानदार प्रस्तुति………………मित्रतादिवस की हार्दिक शुभकामनायें।
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