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मंगलवार, 21 अगस्त 2012

पुरुष सदा निर्दोष -एक सार्वभौमिक सत्य


पुरुष सदा  निर्दोष -एक सार्वभौमिक  सत्य  


देवी सीता का हुआ हरण   
इसके पीछे था क्या कारण ?
स्त्री बोली - था नीच अधम 
लंका का राजा वो  रावण  
पर  पुरुष  का है भिन्न मत  
उसने ढूँढा स्त्री मे दोष  
बोला एक पक्ष है  अनदेखा  
क्यों लांघी सीता   ने   
लक्ष्मण  -रेखा ?


चीर हरण कृष्णा का हुआ 
क्यों हुआ कहो इसका कारण ?
स्त्री बोली -पुरुषों के खेल 
सदियों से नारी रही झेल ,
पर पुरुष का है भिन्न मत 
उसने ढूँढा स्त्री का दोष 
कृष्णा वचनों की कटु चोट 
दुर्योधन उर को रही कचोट 
कृष्णा का दोष था इसमें साफ़ 
कौरव कर देते कैसे माफ़ ?





फिजा  की निर्मम हत्या और
 गीतिका की आत्महत्या 
दोनों में दोषी है कौन ?
कहो जरा मत रहो मौन  ,
स्त्री बोली-शोषण आग में वे जल गयी 
मक्कार पुरुष से छली गयी ,
पर पुरुष का है भिन्न मत 
उसने ढूँढा स्त्री में दोष 
दोनों क्या  बच्ची  थी अबोध 
यथार्थ का नहीं था बोध ?
उड़ने के जोश में खोये होश  
क्यों रही शोषण पर खामोश ?
परिवार पिता भाई  माता  
सबका इसमें दोष है 
चाँद और गोपाल तो 
बन्दे  बिल्कुल निर्दोष हैं !!!
                                    शिखा कौशिक 
                                [नूतन ]



























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6 टिप्‍पणियां:

  1. नहीं ..चाँद व गोपाल भी निर्दोष नहीं ..कौन कह सकता है...
    --- स्त्री-पुरुष दोनों का है दोष,
    कौन कहेगा पुरूष को निर्दोष|
    स्वार्थवश ही रचा खेल सारा ,
    कोई जीता, तो कोई हारा|



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  2. bhot acha bayan keya aapne ye sach hai hamesha dhosh fmale ka hota hai ...

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