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मंगलवार, 14 अगस्त 2012

उठा तिरंगा हाथों में.... बाल गीत ...डा श्याम गुप्त ..

       उठा तिरंगा हाथों में .....

 स्वाभिमान  से  शीश उठाकर , 

ऊंचाई के आसमान पर |

उठा  तिरंगा हाथों में हम ,

फहरा  फहरा चढते जाएँ ||


हम हैं गोप गोपिका हम हैं ,

गोवर्धन धारी कान्हा के |

वही  है सदा सखा हमारा ,

जिसने  पूजा धरती माँ को ||

 

हम उसके साथी बन जाएँ ,

आसमान पर चढ़ते जाएँ ||

 

कठिन परिश्रम करें लगा मन,

सभी सफलता वर सकते हैं |

दृढ इच्छा से काम करें तो,

सूरज चाँद पकड़ सकते है ||

 

स्वार्थ युद्ध ,अणु बम की वर्षा, 

नहीं चाहिए, शान्ति चाहिए |

आगम निगम विचार चाहिए,

गीता वाक्य प्रसार चाहिए ||

 

भारत देता शान्ति- मन्त्र है,,

विश्व शान्ति महकाते जाएँ ||

 

आसमान में चढ़ते जाएँ ,

उठा तिरंगा हाथों में हम |

लहरा लहरा बढ़ते जाएँ,

फहरा फहरा ढ़ते जाएँ ||


6 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत अच्छी सकारात्मक सोच लिए सन्देश परक रचना बहुत बहुत बधाई

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  2. बहुत सुन्दर व् सार्थक प्रस्तुति.स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनायें तिरंगा शान है अपनी ,फ़लक पर आज फहराए

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  3. स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभ कामनाएँ!

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  4. धन्यवाद --संजू,शालिनी, संध्याजी एवं राजेश जी...
    जयहिंद ...

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  5. अत्यंत भाव पूर्ण अभिव्यक्ति हार्दिक शुभ कामनाएं

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