त्याग प्रेम बलिदान की, नारी सच प्रतिमूर्ति ।
दफनाती सारे सपन, सरल समस्या-पूर्ति ।
सरल समस्या-पूर्ति , पाल पति-पुत्र-पुत्रियाँ ।
आश्रित कुल परिवार, चलाती कुशल स्त्रियाँ ।
दफनाती सारे सपन, सरल समस्या-पूर्ति ।
सरल समस्या-पूर्ति , पाल पति-पुत्र-पुत्रियाँ ।
आश्रित कुल परिवार, चलाती कुशल स्त्रियाँ ।
निभा रही दायित्व, किन्तु अधिकार घटे हैं ।
हरते जो अधिकार, पुरुष वे बड़े लटे हैं ।।
हरते जो अधिकार, पुरुष वे बड़े लटे हैं ।।
सच कह दिया आपने ....-:)
जवाब देंहटाएंbilkul sahi kaha hai aapne .aabhar
जवाब देंहटाएंbilkul sahi kaha hai aapne .aabhar
जवाब देंहटाएंनारी की दशा और शायद समाज में यही दिशा है
जवाब देंहटाएंtrue, aabhar
जवाब देंहटाएंआभार आपका ||
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