माया बाई का मुजरा-कब रूकेगा स्त्री का अपमानन्नीचे
Flax Awareness Society
WEDNESDAY, APRIL 11, 2012
मायावती जी का इसप्रकार चित्रण करना पूरे भारतीय समाज के मुंह पर जोरदार तमाचा है ...आज तक हम उन बालाओं को तो इस अगरिमामय पेशे से निकाल नहीं पायें जो दुर्भाग्यवश इस पेशें में फसी हैं उस पर अपने संघर्षों से एक दलित परिवार में जन्म लेकर भी उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री तक के सफ़र को तय करने वाली हमारी दलित नेत्री को इस रूप में प्रस्तुत करना मुंह पर तमाचा ही है .हम उनकी आलोचना भ्रष्टाचार के मुद्दे पर शालीन तरीके से कर सकते हैं ....पर इस रूप में दलित नेत्री को प्रस्तुत करना नीचता की पराकाष्ठा है .क्या भारतीय पुरुषों का पुरुषार्थ समाप्त हो चुका है जो बहनों को इस रूप में प्रस्तुत कर मुजरा करवाया जा रहा है .शर्मनाक ....निंदनीय ......घोर आपत्तिजनक ....मनोरंजन या आलोचना का यह रूप यदि भारतीय पुरुषों ने अपनाया है तो उन्हें चुल्लू भर पानी में डूब मरना चाहिए क्योकि यह भारतीय संस्कृति के सर्वदा विरूद्ध है .हमारी संस्कृति में शत्रु पक्ष की महिला को भी ''देवी ''कहकर संबोधित किया जाता है .पोस्ट करने वाले ब्लोगर डॉ.ओ.पी.वर्मा जी एक उच्चस्तरीय डॉक्टर हैं .सुशिक्षित हैं फिर एक बार भी उन्होंने इस पोस्ट को फेसबुक से ब्लॉग पर डालने से पूर्व यह क्यों नहीं सोचा कि मायावती जी सर्वप्रथम एक महिला हैं .....इसके पश्चात् एक ऐसे दलित समाज का प्रतिनिधत्व करती है जिसने युगों तक शोषण सहा है .मायावती जी का संघर्षपूर्ण जीवन किसी से नहीं छिपा है .ठीक है आज उन पर भ्रष्टाचार के आरोप है ..पर उसका मतलब ये तो नहीं कि कोई भी उन्हें इस रूप में प्रस्तुत करे .क्या आप अपनी बहन ....बेटी को इस रूप में प्रस्तुत करना चाहेंगे .स्त्री को मनोरंजन की वस्तु बनाकर उससे मुजरा सुनने की जिस की इच्छा शेष है वो किसी का बेटा ....भाई नहीं हो सकता .डॉ.ओ.पी वर्मा जी न केवल फेसबुक से इस निंदनीय सामग्री को लायें हैं बल्कि पोस्ट के नीचे उनकी टिप्पणियां भी घोर अशालीन हैं -उनका परिचय व् टिप्पणिया -
- Dr. O.P.Verma
- Vaibhav Hospital, 7-B-43, Mahaveer Nagar III, Kota, Raj., India
- पिछले कई वर्षों से हमारी संस्था “अलसी चेतना यात्रा” अलसी के बारे में जागरूकता लाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। हमारी संस्था के अन्य उद्देश्य हैं। •जैविक खाद्य पदार्थों के उत्पादन, उपयोग को प्रोत्साहन देना और लोगों को जैविक खाद्य पदार्थों के लाभ समझाना। •खाद्य पदार्थों में मिलावट, जो आज की सबसे गंभीर समस्या है, के बारे में लोगों को जानकारी देना। मिलावट रोकने के लिए सम्बंधित विभागों से सामंजस्य रखते हुए कार्यवाही करना। •अलसी के तेल, पनीर, तथा कैंसर रोधी फल व सब्जियों से विकसित किया हुआ डॉ. बुडविज आहार-विहार कैंसर के रोगियों को उपलब्ध करवाने हेतु पूरे भारत में बुडविज प्रोटोकोल कैंद्रों का निर्माण करना। •कोटा में देश-विदेश के रोगियों को उच्च स्तरीय प्राकृतिक और आयुर्वेदिक चिकित्सा उपलब्ध कराने हेतु विशाल हर्बल पार्क विकसित करना। go.flax@gmail.com ०९४६०८१६३६०
- सचमुच दु्हन सी लग रही है माया... शादी कर लेती तो अभी 2-4 बच्चों की मां होती।
- आदरणीय दिलबाग विर्क जी, चर्चामंच पर प्रस्तुत होना गर्व की बात मानी जाती है। आपने चर्चामंच पर माया बाई का मुजरा करवा कर बड़ा अच्छा काम किया है। आपका किन शब्दों में शुक्रिया करूँ। मुफलिसी में हमें दो पैसे मिल गये। और आजकल मायाबाई भी फालतू ही बैठी थी। आपके याद ही होगा जबसे अखिलेश बाबू नये नये दारोगा बने हैं, उन्होंने लखनऊ के सारे कोठों पर माया के मुजरे पर पाबंदी लगा दी है। इसलिए आपको आगे भी कहीं मौका मिले मुजरा करवाना हो तो सेवा का अवसर देना। आपके लिए तो मायाबाई तो खाली बख्शीश में भी नाच लेगी।
- गब्बर का ही डर है वो आगया तो कांच पे नचायेगा, उसको खबर मत होने देना रचना जी।
- बहुत नाइंसाफी है....
- hahaha vaah kya pairodi banaai hai.chitra to lajabaab hai. मैं इसप्रकार की किसी भी पोस्ट के विरूद्ध हूँ और आप सभी से चाहती हूँ की आप भी विरोध करें ताकि फेसबुक की गंदगी ब्लॉग जगत के निर्मल वातावरण को प्रदूषित न करे जय हिंद ! शिखा कौशिक
हम ओ .पी .वर्मा जैसे यौन पीड़ित विकृत मानसिकता के गोबर गणेशों का सरयू घाट पे तर्पण करतें हैं .
जवाब देंहटाएंआपका यह प्रयास हास्यास्पद ही नहीं निंदनीय भी है .यह कोई कथन की मुद्रा नहीं है.व्यंग्य विनोद भी नहीं है . पैरोडी तो बिलकुल नहीं है .आपसे अच्छे तो टी वी के भांड हैं ,हसौड़हैं .यौन विकृतिग्रस्त हैं आप .आपको इलाज़ की सख्त ज़रुरत है .और आप डॉ कौन से हैं वह जो मेडिकल कोलिज में पाए जातें हैं या यूनिवर्सिटी और अस्पताल वाले .आपको मनोरोग चिकित्सालय में परामर्श के लिए जाना चाहिए चाहे तो यहाँ बेंगलुरु पधारे कूलाम्बिया अस्पताल में आपकी कोंसेलींग करवा देंगे .
जवाब देंहटाएंसादर !वीरुभाई .
हमारी यह टिपण्णी चर्चा मंच पर आपकी टिपण्णी के नीचे है शिखाजी .आपने इस मुद्दे को उठाया .बधाई .
आपने इस मुद्दे को उठाया --
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार ||
veerubhai ji v ravikar ji -samarthan ke liye aabhar .
जवाब देंहटाएंveerubhai ji se poori tarah sahmat.shikha ji ye bat aapne uthayi hai iske liyte vastav me aap badhai ki patr hain .o.p. verma ji shayad aaj is ukti se navazne yogya rah gaye hain jo kabhi mati ne kahi thi aaj nari kah rahi hai-''mati kahe kumhar se tu kya ronde mohe, ek din aisa aayega main rondungi tohe.''manzil pas aayegi
जवाब देंहटाएंsaarthak post.
जवाब देंहटाएं--- वह पोस्ट तो ब्लोग पर है ही नहीं अतः नहीं पता कि क्या लिखा गया है क्या मन्तव्य है...हां चित्र में तो कोई आपत्तिजनक बात नहीं है.. मायावती जी का सौन्दर्य निखरा ही है...
जवाब देंहटाएं--- मायावती जी ने अपने शासन काल में न जाने कितने अफ़सरों-लोगों( स्त्री-पुरुष दोनों) को बुरा-भला कहा होगा...प्रतिक्रिया तो होती ही है...
-----मुख्यमन्त्री/ राजनेता न स्त्री होता है न पुरुष वह एक सन्स्था होता है...अत: जल्दबाज़ी में हर आलेख,बिन्दु पर नारीवादी झन्डा उठाना आदर्श स्थिति नहीं है...न नारी के हित में है न समाज के...
shyam gupt ji -ab vo post hamare virodh par hata di gayi hogi ....rahi baat narivadi jhande ki to yah baat tabhi sochni chahiye kya jab vo nari hamari beti ..bahan ho anytha nahi ?
जवाब देंहटाएंकहना जरूरी है !!
जवाब देंहटाएंआज शुक्रवार
जवाब देंहटाएंचर्चा मंच पर
आपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति ||
charchamanch.blogspot.com
-----शूर्पणखा काव्य उपन्यास से--- राम-लक्षमण संवाद---
जवाब देंहटाएंनारी, केंद्र-बिंदु है भ्राता !
व्यष्टि,समष्टि,राष्ट्र की,जग की |
इसीलिये तो वह अवध्य है ,
और सदा सम्माननीय भी |
लेकिन वह भी तो मानव है,
नियम-निषेध मानने होंगे ||
२९-
नारी के निषेध-नियमन ही,
पावनता के संचारण की;
उचित निरंतरता समाज में,
सदा बनाए रखते, लक्ष्मण !
अवमानना, रेख-उल्लंघन,
कारण बनते, दुराचरण का ||
३०-
राजा जनता या प्रबुद्ध जन,
जब अपने दायित्व भूलकर;
उचित दंड यदि नहीं देते |
अनाचार को प्रश्रय देकर,
पाप-कर्म में भागी बनते;
नियम से नहीं ऊपर कोई ||
३१-
नारी ही तो हे प्रिय भ्राता !
जननी होती नर-नारी की ।
प्रथम गुरु है वह सन्तति की,
सन्स्कार के पुष्प खिलाती ।
विष की हो या सुगंध-गुण युत,
यह वल्लरी फैलती जाती ||
३२-
शिक्षित और सुसंस्कृत नारी,
मर्यादा युत आचरण तथा;
शुचि कर्त्तव्य भाव अपनाती |
संस्कारमय नीति-निपुणता,
वर्त्तमान एवं नव पीढी -
में , मर्यादा भाव जगाती ||
३३-
विविध कारणों से यदि नारी,
मर्यादा उल्लंघन करती |
दुष्ट भाव, स्वच्छंद आचरण,
से समाज दूषित होजाता |
कई पीढ़ियों तक फिर लक्ष्मण,
यह दुष्चक्र चलता रहता है ||
No one can be educated after getting degree. Dr. sahab has prooved his narrow and sick mind. he is really frustated internally otherwise such type os post and picturization of an indian political leader was impossible. shame shame and shame.........
जवाब देंहटाएंi want to ask to Respected Dr. Shyam gupt ji who are saying that "Mayawati ka saundray aur nikhra hi hai picture mai koi burai hai" - does man see qualities of female ? why does he always concentrate his mind towards her physical beauty only why not towards spiritual beauty???? if a man only concentrates his mind only towards physical beauty he only show his mean thinking. if mayawati jii has criticized man & women during her reign definitely it is worthy to be criticized but words and way must be decent... is it not??????
जवाब देंहटाएंyes, certainly The first impression is the physical beauty, it is so natural..... the inner qualities can only be known after close encounter...& may be praised if so.
जवाब देंहटाएं--- In a photo, the person who does not know the person well ..only physical beauty can only be described ...
---as I said.. I do not know what words were used to criticize Mayavati ji...but in politics, it is Tit for Tat.. if criticizme of Mayaji is just..the same can also be said otherwise.
-- action has reaction...
---- The whole BAVAAL is due to her being a woman... many poorv mantrees are dealt like this...no body cared..
राजनीति में हार और जीत चलती रहती है, पक्ष और विपक्ष भी होते हैं लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि जो हमारे पक्ष में नहीं हैं, उनका हम चरित्रहनन करें। मैं केवल महिला होने के नाते ही नहीं अपितु व्यक्ति विशेष के कारण ऐसी घटिया हरकतों की निन्दा करती हूं।
जवाब देंहटाएंमुझे यह समझ नहीं आया कि आज जब मायावती कि इस तरह कि चित्र से फेसबुक में आने से इतने हंगामे हो रहे हैं, पर पिछले ६ महीनों से सोनिया गांधी, कि तरह-तरह कि पोशाकों से उनको लोगों के सामने फेसबुक में डाला जा रहा है तब नारियाँ ही उस वाल पोस्ट को लाइक कर रही है, शेयर कर रही हैं तो उस बात के लिए क्यों कोई बवाल नहीं हुआ या हो रहा है, आज फोटोशॉप के माध्यम से नपुंसक मानसिकता वाले इंसान नारियों या कोई भी इंसान हैं उनको विकृत/हास्य रूप से प्रस्तुत कर अपनी ओंझी सोच को ही दिखाता है, नारी चाहे कोई भी हो सभी समान समझी जानी चाहिए चाहे, मायावती हो या सोनिया गांधी
जवाब देंहटाएं----नारी व पुरुष समान समझे जाने चाहिये....
जवाब देंहटाएं--समान अधिकार ...
--समान आलोचना....
--आवश्यकतानुरूप समान असम्मान...
--समान उचित वैधानिक व सामाजिक भर्त्सना व दन्ड-विधान....
vaishnav ji -ne sahi kaha hai .maine apni pichhli kai post me soniya ji ki galat tasveeron par aapatti ki thi .shayam gupt ji samanta ke aadhar par stri ki asmita...garima se nahi khela jaa sakta hai .aapke tark kutark lag rahe hain .
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