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पढ चुके हैं ..शिखा जी.... -----एक तो ”औरतें’ शब्द...असाहित्यिक है एवं बाज़ारू है...महिलाओं के लिये अपमान जनक... ----विषय चाहे जितना महिलाओं की( घिसी-पिटी) प्रशंसा में हो परन्तु शीर्षक से ही पता चलता है कि लेखक महिलाओं के बारे में कितना संवेदनशील है...
rajneesh ji ka shandar,nishpaksh aalekh padhvane hetu shikha ji bahut bahut shukriya.
जवाब देंहटाएंपढ चुके हैं ..शिखा जी....
जवाब देंहटाएं-----एक तो ”औरतें’ शब्द...असाहित्यिक है एवं बाज़ारू है...महिलाओं के लिये अपमान जनक...
----विषय चाहे जितना महिलाओं की( घिसी-पिटी) प्रशंसा में हो परन्तु शीर्षक से ही पता चलता है कि लेखक महिलाओं के बारे में कितना संवेदनशील है...
अपना अलग स्थान बना चुकीं हैं की bordiy महिलायें निश्चय ही .
जवाब देंहटाएंअपना अलग स्थान बना चुकीं हैं की bordiy महिलायें निश्चय ही .की -बोर्डिय महिलायें .
जवाब देंहटाएंइस लेख को लिंकित करने का शुक्रिया।
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