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मंगलवार, 13 सितंबर 2011

बेटिया निराली होती है

मोरारी बापू ने अपने प्रवचन में बेटी को माता-पिता की आत्मा और बेटे को हृदय की संज्ञा दी हेै। हृदय की धडकन तो कभी भी बंद हो सकती है लेकिन बेटी व आत्मा का संबध जन्मजंमातर का रहता है वह कभी अलग नहीं हो सकती

वाकई हमारी बेटिया निराली है उसे आप बढने मे इतनी मदद करे की वह कली से फूल बनकर फिजा मे अपनी खूशबू बिखेरा करे इन बेटियों की उपलब्धिया असीम है ।जीवन को अमृत तुल्य बनाने वाली इन बेटियो को इतना प्यार -दुलार दो कि हर लडकी की जुबान पर यही बात हो ‘‘अगले जन्म मोहे बिटिया ही कीजो।‘‘

11 टिप्‍पणियां:

  1. स्कूल के बच्चों की जिला स्तरीय वाद-विवाद प्रतियोगिता का विषय है-
    'घर के दैनिक कामकाज में माता-पिता दोनों की भूमिका समान होनी चाहिए'
    आपके मूल्यवान विचारों का पक्ष या विपक्ष में योगदान अपेक्षित है।

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  2. बेटियाँ हमेशा अपने माँ बाप को याद करती है, लेकिन बेटा शायद कभी-कभार।

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  3. बेटियाँ कभी ,नहीं करतीं हैं हेटियाँ,
    रहतीं हैं अपनी सिर्फ बेटियाँ .

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  4. bahut achhe...is soch ko aur badhaava dena hoga

    http://teri-galatfahmi.blogspot.com/

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  5. बहुत सुन्दरता से पिरोये शब्द ||

    बहुत बहुत बधाई |

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