विवाह अथवा ब्लैकमेलिंग
''हिन्दुस्तान '' दैनिक समाचार -पत्र में कुछ समय पूर्व ''दहेज़ में कार मांगने पर दुल्हन के पिता को हार्ट-अटैक ;मौत'' खबर पढ़कर आँखें नम हो गयी थी .बेटी की बारात आने में कुछ ही दिन रह गए थे .दुल्हन के पिता कुछ दिन पहले सगाई की रस्म अदा क़र आये थे. शादी में ५१ हज़ार की नकदी के अलावा बाइक और फर्नीचर देना तय हुआ था . लड़के वालों ने फोन पर धमकी दे दी कि यदि दहेज़ में कार देनी है तो बारात आएगी वर्ना कैंसिल समझो.'समझ में नहीं आता विवाह जैसे पवित्र संस्कार को ''ब्लैकमेलिंग' बनाने वाले ऐसे दानवों के आगे लड़की के पिता कब तक झुकते रहेंगे. अनुमान कीजिये उस पुत्री के ह्रदय की व्यथा क़ा जो जीवन भर शायद इस अपराध बोध से न निकल पायेगी कि उसके कारण उसके पिता की जान चली गयी.होना तो यह चाहिए था कि जब वर पक्ष ऐसी ''ब्लैकमेलिंग'' पर उतर आये तो लड़की क़ा पिता कहे कि ''अच्छा हुआ कि तुमने मुझे विवाह पूर्व ही यह दानवी रूप दिखा दिया.मेरी बेटी क़ा जीवन स्वाहा होने से बच गया '' पर ऐसा कब होगा और इसमें कितना समय लगेगा? ये कोई नहीं बता सकता.मै तो बस इतना कहूँगी----
'''बेटियों को इतना बेचारा मत बनाइये;क़ि विधाता भी सौ बार सोचे इन्हें पैदा करने से पहले..''
शिखा कौशिक
Afsosnak ...
जवाब देंहटाएंladkiyon me hi yeh jaagrukta badhni chahiye ki jo dahej maange usse shaadi karne se mana karde.kai case yese hue bhi hain janhan ladkiyon ne himmat karke baarat lautaai hai.aur adhik jaagrukta aani chahiye.bahut achche vishya par likha hai aabhar.
जवाब देंहटाएं'''बेटियों को इतना बेचारा मत बनाइये;
जवाब देंहटाएंक़ि विधाता भी सौ बार सोचे इन्हें पैदा करने से पहले..''bilkul sahi kaha aapne...
beautiful post. ...excellent write!
जवाब देंहटाएंऔर आगे चल कर यही लाचार बेचारे बेटी के पिता बेटे के विवाह के समय लालची दानव बन जाते है तब इन्हें जरा भी दूसरो की स्थिति से फर्क नहीं पड़ता है | पहले लोग अपने बेटो के विवाह में दहेज़ लेना बंद करे तब बेटी के विवाह में दहेज़ ना देने की बात करे |
जवाब देंहटाएंbetiyan to aangan men laga gulab ka fool hai . KEWAL PYAR DARNE KE LIYE .
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