40 साल पिता की कैद में रहीं बेटियां
वियना। आस्ट्रिया के उत्तरी शहर ब्रानो में रहने वाली दो बहनों को 40 वर्ष से भी अधिक समय से बंधक बनाकर रखने, मारपीट करने और उनका यौनशोषण करने का उनके ही पिता पर गंभीर आरोप लगा है। ऊपरी आस्ट्रिया प्रांत के पुलिस विभाग ने गुरूवार को जारी एक बयान में इस सनसनीखेज मामले की जानकारी दी।
पुलिस के मुताबिक ब्रानो शहर के नजदीक रहने वाले एक व्यक्ति ने वर्ष 1970 से ही लगातार अपनी दोनों बेटियों को घर में बंधक बनाकर रखा और उन्हें किसी से भी मिलने-जुलने की इजाजत नहीं दी। इतने वर्षो तक वह दोनो बेटियों को मारने-पीटने के अलावा उनका यौनशोषण भी करता रहा।
आस्ट्रियाई पुलिस ने बताया कि आरोपी पिता ने अपनी दोनों बेटियों को घर के रसोईघर में वर्षो तक कैद करके रखा। दोनों बहनों को सोने के लिए लकड़ी की एक पतली बेंच भर दी गई थी। लेकिन वर्षो की जलालत झेलने के बाद गत मई में दोनों बहनों का गुस्सा फूट पड़ा जब इस बुजुर्ग ने बड़ी बेटी के साथ बलात्कार करने की कोशिश की। अब 53 साल की हो चुकी बड़ी बेटी ने अपने कुकर्मी पिता को धक्का देकर गिरा दिया और इपनी 45 वर्षीय छोटी बहन के साथ उस कैदखाने से भाग निकली।
वियना। आस्ट्रिया के उत्तरी शहर ब्रानो में रहने वाली दो बहनों को 40 वर्ष से भी अधिक समय से बंधक बनाकर रखने, मारपीट करने और उनका यौनशोषण करने का उनके ही पिता पर गंभीर आरोप लगा है। ऊपरी आस्ट्रिया प्रांत के पुलिस विभाग ने गुरूवार को जारी एक बयान में इस सनसनीखेज मामले की जानकारी दी।
पुलिस के मुताबिक ब्रानो शहर के नजदीक रहने वाले एक व्यक्ति ने वर्ष 1970 से ही लगातार अपनी दोनों बेटियों को घर में बंधक बनाकर रखा और उन्हें किसी से भी मिलने-जुलने की इजाजत नहीं दी। इतने वर्षो तक वह दोनो बेटियों को मारने-पीटने के अलावा उनका यौनशोषण भी करता रहा।
आस्ट्रियाई पुलिस ने बताया कि आरोपी पिता ने अपनी दोनों बेटियों को घर के रसोईघर में वर्षो तक कैद करके रखा। दोनों बहनों को सोने के लिए लकड़ी की एक पतली बेंच भर दी गई थी। लेकिन वर्षो की जलालत झेलने के बाद गत मई में दोनों बहनों का गुस्सा फूट पड़ा जब इस बुजुर्ग ने बड़ी बेटी के साथ बलात्कार करने की कोशिश की। अब 53 साल की हो चुकी बड़ी बेटी ने अपने कुकर्मी पिता को धक्का देकर गिरा दिया और इपनी 45 वर्षीय छोटी बहन के साथ उस कैदखाने से भाग निकली।
Source : http://www.patrika.com/news.aspx?id=663838
यह एक समाचार है जो बताता है कि घर में अगर मां न हो तो बाप भी हैवान बन जाता है। रिश्तों की पवित्रता को घर में क़ायम रखने में मां का बहुत अहम रोल होता है। इस समाचार को इस एंगल से भी देखने की ज़रूरत है।
बाप द्वारा बेटी के यौन शोषण के क़िस्से आजकल समाचार पत्रों द्वारा अक्सर ही सामने आते रहते हैं।
इन तमाम क़िस्सों में अक्सर यही देखने में आता है कि मां की मृत्यु या उसके कहीं चले जाने के बाद ही ऐसी घटनाएं घटित होती हैं।
ऐसे में मां अगर अपना ज़्यादा समय घर को देती है तो वह अपने घर को हादसों से बचाती है। रिश्तों की पवित्रता को क़ायम रखती है लेकिन फिर भी उसके कामकाज को आज कामकाज नहीं माना जाता, यह दुःखद है।
औरत के कामकाज और उसकी अहमियत को सही संदर्भों में समझे जाने की ज़रूरत है।
बाप द्वारा बेटी के यौन शोषण के क़िस्से आजकल समाचार पत्रों द्वारा अक्सर ही सामने आते रहते हैं।
इन तमाम क़िस्सों में अक्सर यही देखने में आता है कि मां की मृत्यु या उसके कहीं चले जाने के बाद ही ऐसी घटनाएं घटित होती हैं।
ऐसे में मां अगर अपना ज़्यादा समय घर को देती है तो वह अपने घर को हादसों से बचाती है। रिश्तों की पवित्रता को क़ायम रखती है लेकिन फिर भी उसके कामकाज को आज कामकाज नहीं माना जाता, यह दुःखद है।
औरत के कामकाज और उसकी अहमियत को सही संदर्भों में समझे जाने की ज़रूरत है।
आज के युग की सच्चाई को बहुत सही रूप में प्रस्तुत किया है आपने .दुखद है पर सच तो सच है.ये मानना ही पड़ता है.
जवाब देंहटाएंफ़ोर्ब्स की सूची :कृपया सही करें आकलन
इस कुत्ते को तडफ़ा-तडफ़ा कर मारना चाहिए।
जवाब देंहटाएंआपकी पोस्ट ब्लोगर्स मीट वीकली (६) के मंच पर प्रस्तुत की गई है /आप आयें और अपने विचारों से हमें अवगत कराएँ /आप हिंदी के सेवा इसी तरह करते रहें ,यही कामना हैं /आज सोमबार को आपब्लोगर्स मीट वीकली
जवाब देंहटाएंके मंच पर आप सादर आमंत्रित हैं /आभार /