tag:blogger.com,1999:blog-1698062258639618592.post8023639504204256288..comments2024-02-10T00:26:10.275-08:00Comments on भारतीय नारी: यह कैसी निराली रीतShikha Kaushikhttp://www.blogger.com/profile/12226022322607540851noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-1698062258639618592.post-86654468162828839912011-07-26T22:58:12.973-07:002011-07-26T22:58:12.973-07:00प्रेरणा जी समाज बदले तो tab जब जो लड़की वाले हैं वे...प्रेरणा जी समाज बदले तो tab जब जो लड़की वाले हैं वे केवल लड़की वाले हों और लड़के वाले केवल लड़के वाले हों लड़की की शादी के अवसर पर तो जो माता -पिता रोते दीखते हैं और वे ही माता पिता जब लड़के की शादी का अवसर आता है तो सज-धज कर खड़े हो जाते हैं और उनके मुहं kafi बड़े खुल जाते हैं यदि बदलना है तो हमें अपनी सोच को बदलना होगा और ये बात मन में बिठानी होगी कि न हम दहेज़ देंगे न लेंगे .Shalini kaushikhttps://www.blogger.com/profile/10658173994055597441noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1698062258639618592.post-66974367015748329382011-07-26T22:21:08.053-07:002011-07-26T22:21:08.053-07:00प्रेरणा जी -एक एक बात सटीक है पर मेरा मानना है कि ...प्रेरणा जी -एक एक बात सटीक है पर मेरा मानना है कि यदि लड़की के माता पिता उसका साथ दें तो स्थिति सुधर सकती है .मेरी एक सहेली ने एम्.ए.बी.एड तक की शिक्षा पाई थी .उसका विवाह एक इंजिनियर से हुआ था .विवाह के बाद से ही वे उसे pareshan करने लगे और अंततः एक दिन उसकी हत्या फांसी लगाकर कर दी गयी .विवाह और हत्या में मात्र दस माह का समय laga पर इस बीच में सहेली के पिता sasural वालों की मांगे पूरी करते रहे .यदि पहली ही मांग पर बेटी को अपने घर वापस बुला लेते तो मेरी सहेली का मनोबल भी badhta और ससुराल वालो को सबक भी mil जाता .वे कभी उसे गर्म दूध डाल कर जला देते थे कभी ताने देकर .बेटी को विदा करने के बाद भी माता पिता का कर्तव्य है कि वे उसका साथ दें तभी इस समस्या का समाधान संभव है .Shikha Kaushikhttps://www.blogger.com/profile/12226022322607540851noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1698062258639618592.post-57727414690958686242011-07-26T20:13:18.960-07:002011-07-26T20:13:18.960-07:00आपका लेख बहुत सटीक और अच्छा है । माँ बाप समझते थे ...आपका लेख बहुत सटीक और अच्छा है । माँ बाप समझते थे कि जैसे जैसे समाज में शिक्षा का स्तर बढ़ेगा वैसे वैसे दहेज परंपरा का सफाया होता चला जाएगा लेकिन हुआ इसका ठीक उल्टा । अब ससुराल वाले अपनी बहुओं से घर का काम तो लेते ही हैं साथ ही उससे बाहर से रुपये कमा कर लाने को भी कहते हैं और नए नए अविष्कारों के बाद दहेज की लिस्ट भी लंबी हो गई है । इस तरह लड़की पर शिक्षित होने के बाद सिर्फ बोझ ही बढ़ा है और लड़की का माँ बाप होना पहले के मुकाबले और ज्यादा कठिन हो गया है ।<br />इस तरह इस समस्या का ख़ात्मा शिक्षा से होता तो क्या बल्कि इसने तो इसे और बढ़ा दिया है ।<br /><br />तब इस समस्या का हल क्या है ?<br /><br />इसका हल कोई तो बताए !<br /><br />...क्योंकि इसका हल हम बताते हैं तो वह कुछ लोगों को अखर जाता है ।DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1698062258639618592.post-59266436716587401032011-07-26T12:20:00.942-07:002011-07-26T12:20:00.942-07:00sarthak aalekh .blog par aapka hardik swagat haisarthak aalekh .blog par aapka hardik swagat haiShalini kaushikhttps://www.blogger.com/profile/10658173994055597441noreply@blogger.com