tag:blogger.com,1999:blog-1698062258639618592.post6836200650557640254..comments2024-02-10T00:26:10.275-08:00Comments on भारतीय नारी: समीक्षा - '' ये तो मोहब्बत नहीं ''-समीक्षक शालिनी कौशिक Shikha Kaushikhttp://www.blogger.com/profile/12226022322607540851noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-1698062258639618592.post-8303280021248185902017-05-11T02:06:11.037-07:002017-05-11T02:06:11.037-07:00सर नारी का शोषण करना पुरूष ने अपना अधिकार समझ लिया...सर नारी का शोषण करना पुरूष ने अपना अधिकार समझ लिया था. यही कारण है कि पुरूष वर्ग को आईना दिखाने की आवश्यकता अनुभव की गई. शोषण करने वाले वर्ग को इस आधार पर बरी नहीं किया जा सकता है कि सामाजिक अन्याय में हर वर्ग दोषी होता है. Shikha Kaushikhttps://www.blogger.com/profile/12226022322607540851noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1698062258639618592.post-91355057973629021092017-05-11T02:00:19.905-07:002017-05-11T02:00:19.905-07:00शालिनी जी मेरे काव्य संग्रह की समीक्षा हेतु हार्दि...शालिनी जी मेरे काव्य संग्रह की समीक्षा हेतु हार्दिक आभार स्वीकार करें Shikha Kaushikhttps://www.blogger.com/profile/12226022322607540851noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1698062258639618592.post-58905045867492446592017-05-03T10:55:26.750-07:002017-05-03T10:55:26.750-07:00वास्तव में पुरुष वर्ग को आइना दिखाने की आवश्यकता न...वास्तव में पुरुष वर्ग को आइना दिखाने की आवश्यकता नहीं है ......यह आधा-अधूरा प्रयास एवं सदैव से की जाने वाली त्रुटि होगी .... एवं प्रतिक्रियाएं भी ......समस्त समाज को आइना दिखाने की आवश्यकता है प्रत्येक वर्ग दोषी होता है किसी भी सामाजिक अन्याय में .....<br />डा श्याम गुप्तhttps://www.blogger.com/profile/03850306803493942684noreply@blogger.com