शुक्रवार, 4 अक्टूबर 2013

शक्ति पूजा


नवरात्री शुरू होने वाली हैं सीमा घर की साफ़ सफाई में लगी है। कल शक्ति स्वरूपा  देवी जी की स्थापना का दिन है उनके स्वागत में वह कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। 
बचपन से सुनती आयी है नारी ही शक्ति है जो सृष्टि के निर्माण की सामर्थ्य रखती है। शक्ति की उपासना के द्वारा नारी शक्ति को शशक्त किया जाता है जिससे विश्व निर्माण और सञ्चालन सुचारू रूप से चल सके।  
फोन की घंटी ने उसके हाथों और दिमाग की गति को रोक दिया।  बाहर उसके ससुर जी फोन सुन रहे थे घर में अचानक जैसे सन्नाटा पसर गया।  उसके ससुर जी बहुत धीमी आवाज़ में कह रहे थे " बेटी तू ही बता मैं और पैसा कहाँ से लाऊँ ? पहले ही दस लाख रुपये दामाद जी को दे चूका हूँ ,रिटायर आदमी हूँ ,तेरे भाई की तनख्वाह से उसके खर्चे ही जैसे तैसे पूरे हो पाते हैं। तू दामाद जी को समझा न अगर दे सकता तो जरूर दे देता बेटी। " 
फोन रख कर ससुरजी निढाल से पलंग पर बैठ गए और दोनों हाथों से माथा थाम लिया।  "क्या करूँ कहाँ फेंक दिया मैंने अपनी बेटी को ,जानती हो सुनील की माँ आज तो वो रो रो कर कह रही थी ,पापा मुझे यहाँ से ले जाओ आप इनका पेट कभी नहीं भर सकोगे ,मुझे जिन्दा देखना चाहते हो तो यहाँ से ले जाओ। "
उसे ले भी आऊं लेकिन इतनी बड़ी जिंदगी अकेले कैसे और किसके भरोसे काटेगी ? हम कब तक बैठे रहेंगे ? " 
सीमा चुपचाप अपने काम में लग गयी। देवी स्थापना का दूसरे दिन दोपहर का मुहूर्त था । सीमा सुबह ही बाज़ार जाने का कह कर घर से निकल गयी।  
मुहूर्त का समय निकला जा रहा था सीमा का कहीं अता पता नहीं था। घर की बहू के बिना शक्ति पूजा कैसे हो ? तभी घर के सामने ऑटो आ कर रुका और उसमे से सीमा के साथ उतरी उसकी ननद।  सब अवाक उसे देखने लगे , ननद दौड़ कर अपनी माँ के गले लग कर फूट फूट कर रो पड़ी। सबकी प्रश्न वाचक दृष्टी सीमा की ओर उठ गयीं।  
माँ जी नारी ही शक्ति स्वरूप है और शक्ति सबके साथ से मिलती है हम शक्ति पूजा के इस मौके पर घर की बेटी को कैसे अकेला छोड़ सकते हैं ? आज से हम सब उसके साथ रहेंगे और अन्याय के खिलाफ लड़ेंगे। यही देवी की सच्ची उपासना होगी।  
माँ जी ने सीमा को गले लगा लिया।  
kavita verma 

6 टिप्‍पणियां:

बेनामी ने कहा…

GREAT POST ON THE AUSPICIOUS OCCASION OF NAVRATRI .THANKS

Shalini kaushik ने कहा…

bahut sundar prernavardhak kahani .happy navratri kavita ji

Shalini kaushik ने कहा…

bahut sundar prernavardhak kahani .happy navratri kavita ji

Darshan jangra ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
लोकेन्द्र सिंह ने कहा…

इन परिस्थितियों से हमें मिलकर लड़ना होगा तभी बदलाव संभव है...

Ravikant yadav ने कहा…

good , read and follow me also , i will also .....